करवा चौथ व्रत का उद्देश्य यह बिलकुल नहीं है कि आप अपने गर्भस्थ शिशु और अपनी सेहत पर ध्यान न दें. यदि आप बहुत कमजोर हैं तो व्रत न रखें और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही व्रत रखने का फैसला लें.
जो महिलाएं प्रेगनेंसी में भी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखना चाहती हैं वो दिनभर में फूड और फ्लूइड यानि तरल पदार्थ लेती रहें. इस दिन आप नारियल पानी, फ्रूट जूस, दूध और ताजे फल की स्मूदी ले सकती हैं.
प्रेगनेंट महिलाओं को व्रत करने से डिहाइड्रेशन की परेशानी हो सकती है. यानी शरीर में पानी की कमी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि व्रत रखने पर भी तरल पदार्थों का सेवन करते रहें.
प्रेगनेंसी में लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से पेट फूलने, एसिडिटी और मतली महसूस हो सकता है. इसी कारण गर्भवती महिलाओं को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहने की सलाह दी जाती है
इसी तरह से स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी व्रत करने की सलाह नहीं दी जाती. क्योंकि 6 महीने तक बच्चा पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर रहता है. दूध की पूर्ति के लिए थोड़े-थोड़े समय में कुछ न कुछ पौष्टिक चीजें खाने की जरूरत पड़ती है.
बीच बीच में फल, फलों का रस, दूध और मेवे आदि लेती रहें. व्रत के दौरान खाली पेट बिल्कुल भी न रहें. अन्न की बजाय आप पूरे दिन फलाहार कर सकती हैं.