कार्तिक मास में तुलसी पूजन, रोपण और सेवन करना चाहिए. कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इस माह में तुलसी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं.
तुलसी जी | Prabhat Khabar Graphics
कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना होता है, इस महीने नदी, पोखर, तालाब और घर के एक कोने में दीपक जलाया जाता है. दीपदान और दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है.
दीपदान | Prabhat Khabar Graphics
कार्तिक मास में भूमि पर सोना भी एक प्रमुख नियम माना गया है. भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं.
जमीन पर सोना | Prabhat Khabar Graphics
कार्तिक महीने में शरीर पर तेल लगाने की भी मनाही होती है. कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए.
तेल लगाना वर्जित | Prabhat Khabar Graphics
कार्तिक महीने में द्विदलन यानी उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई खाने पर भी मनाही होती है. इसके अलावा इस महीने में दोपहर में सोने को भी मना किया जाता है.
दलहन खाना निषेध | Prabhat Khabar Graphics