आश्विन कृष्ण अष्टमी में छह अक्तूबर दिन शुक्रवार को माताएं जिउतिया व्रत रखेंगी. संतान के दीर्घायु की कामना को लेकर किया जाने वाला जिउतिया व्रत नहाय-खाय के साथ आरंभ होगा. छह अक्तूबर दिन शुक्रवार को आर्द्रा नक्षत्र व वरीयान योग में जिउतिया व्रत मनाया जायेगा.
Jitiya Vrat 2023 | Prabhat khabar
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस साल जितिया व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और परिघ योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग रात में 09 बजकर 32 मिनट से बन रहा है, जो पारण वाले दिन 7 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है.
jitiya vrat kab hai 2023 | Prabhat khabar
जितिया व्रत पर परिघ योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह से लेकर अगले दिन प्रात: 05 बजकर 31 मिनट तक है. व्रत के दिन आर्द्रा नक्षत्र सुबह से लेकर रात 09 बजकर 32 मिनट तक है, उसके बाद से पुनर्वसु नक्षत्र है.
जितिया व्रत पर संयोग | Prabhat khabar
महिलाएं अखंड सौभाग्य, पुत्रों की मंगल कामना, दीर्घायुष्य व वंश वृद्धि के लिए जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) का निर्जला व्रत करेंगी. इस दिन कुश से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा माता लक्ष्मी व मां दुर्गा के साथ की जाती है.
जितिया व्रती महिलाएं | Prabhat khabar
व्रती महिलाएं पांच अक्टूबर को गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद मड़ुआ रोटी, नोनी का साग, कंदा, झिगनी, करमी आदि का सेवन करेंगी.
जितिया व्रत नहाय-खाय 2023 | Prabhat khabar
व्रती स्नान-भोजन के बाद पितरों की भी पूजा करेंगी. इस महाव्रत का पारण व्रती महिलाएं केराव से करेंगी. उन्होंने बताया कि इस व्रत के पारण से पूर्व अन्न का दान करने से विपन्नता का नाश व धन-धान्य की वृद्धि होती है.
व्रती महिलाएं | Prabhat khabar