गुमला के सिसई में सरना पेड़ पर चढ़कर उपवास करने वाली हीरामनी उरांव नौ दिनों बाद पेड़ से नीचे उतरीं.
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मां सरना के संदेश पर हीरामनी उरांव ने जैरा गांव के सरना पेंड़ पर चढ़कर उपवास रखा था. नौवें दिन उनके स्वास्थ्य में कुछ गिरावट देखी गई.
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नीचे उतरने के बाद उन्होंने सरना मां को नमन किया और उपस्थित लोगों को जय धर्मेश कहकर संबोधित किया.
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जिसके बाद धर्म बहन शांति उरांव, पाहन फागु उरांव व पुजार दिलासा उरांव ने हीरामनि को नए वस्त्र दिए.
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नए वस्त्र धारण करवाने के बाद हीरामनि को पानी पिलाकर उनका उपवास समाप्त कराया गया.
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इस दौरान सैकड़ों सरना धर्मावलंबी उपवास रखकर सरना स्थल आए थे और पाहन पुजार की अगुवाई में सामुहिक परिक्रमा विनती, पूजा व सरना में जल अर्पण कर लोगों की सुख समृद्धि की कामना की.
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सरना धर्मावलंबियों ने सरना माता के संदेश पर हीरामनि के नौ दिनों तक के निर्जला उपवास को चमत्कार माना है.
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इसे लेकर जैरा स्कूल मैदान में सरना धर्मावलंबियों ने गुरुवार तीन बजे से लेकर शुक्रवार की भोर 5 बजे तक सरना प्रार्थना सभा का आयोजन किया.
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इस प्रार्थना सभा में दर्जनों गांव के सैकड़ों महिला पुरुष पारंपरिक पोशाक में शामिल हुए. इससे पूहले भी गांव की शांति उरांव, सरना मां के संदेश पर सितम्बर 2005 में 21 दिन का उपवास रख चुकी हैं.
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उस समय शांति उरांव ने निर्जला उपवास रखकर सात दिनों तक इसी सरना पेड़ के ऊपर रहकर सरना माता की उपासना की थी. शेष 14 दिन उन्होंने घर में सरना मां की उपासना की.
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