राजस्थान के नागौर में जन्मे महिपाल लोमरोर ने आठ साल की उम्र में क्रिकेट खेलना पूर्व ऑस्ट्रेलियन विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट को प्रेरणा मानकर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. लोमरोर 2011 में नागौर से जयपुर शिफ्ट हो गये और खुद को शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया.
लंबे समय तक गेंद को खेल सकने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें अपने आयु वर्ग क्रिकेट में 'जूनियर गेल' कहा जाता था. लोमरोर ने एक बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की लेकिन बाद में धीरे-धीरे एक ऑलराउंडर बन गये. वे बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी कर सकते हैं.
महिपाल ने ईशान किशन की अगुवाई वाली 2016 अंडर-19 विश्व कप टीम का हिस्सा के रूप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया, जिसमें ऋषभ पंत, सरफराज खान, वाशिंगटन सुंदर, लोमरोर जैसे खिलाड़ी शामिल थे.
तब से 21 साल के इस खिलाड़ी ने 23 मैच खेले हैं, जिसमें 36.25 की औसत से 1269 रन बनाए हैं और 28 विकेट लिए हैं. महिपाल की दादी सिणगारी देवी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका पोता बचपन में क्रिकेट खेलने की जिद करने लगा और कपड़े धोने वाले डंडे से क्रिकेट खेलने लगा.
उसकी इस जिद के चलते क्रिकेट खेलने के लिए बल्ला दिलवाया. बल्ला मिलते ही महिपाल ने अपने घर के आगे की गली को ही क्रिकेट का मैदान बना दिया और अपनी बड़ी बहन से बॉलिंग करवा खुद बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया.
लोमरोर राजस्थान के लिए अंडर-16 और अंडर-19 लेवल पर खेलकर ऊपर उठे और बाद में अंडर-19 विश्व कप टीम में चुने गये. महिपाल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने दूसरे मैच में सभी को प्रभावित किया, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ 45 रन की पारी और लाओस ने पांच रन की पारी शामिल है.
इसके बाद बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को तत्कालीन दिल्ली डेयरडेविल्स ने चुना था लेकिन उन्होंने उस सीजन में उनके लिए कोई मैच नहीं खेला था. राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2018 में चुना और साइन किया तब उन्होंने अभी सात गेम खेले हैं और टीम में शामिल हैं, लेकिन उन्होंने रॉयल्स की प्लेइंग इलेवन में दूसरे हाफ में शुरुआत की. महिपाल शुरू से ही आक्रामक थे और उसने आदिल राशिद के ओवर में दो छक्के जड़े.