Independence Day 2023: इस साल देश आजादी की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है. बचपन में हमें राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंग का महत्व और मतलब समझया जाता है, लेकिन बड़े होने पर बहुत ही कम लोग सारी चीजें याद रख पाते हैं. आइये जानते हैं राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों का मतलब.
राष्ट्रीय ध्वज | unsplash
हमारे राष्ट्रीय ध्वज में समान अनुपात में तीनों रंग होते हैं. इसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और नीचे गहरे हरे रंग का क्षैतिज तिरंगा है.
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झंडे की चौड़ाई और उसकी लंबाई का अनुपात दो से तीन होता है. सफेद पट्टी के केंद्र में गहरे नीले रंग का पहिया है जो चक्र का प्रतिनिधित्व करता है.
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इसका डिजाइन उस चक्र का है जो अशोक के सारनाथ सिंह शीर्ष के गणक पर दिखाई देता है. इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां होती हैं.
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इन रंगों के चयन के पीछे गूढ़ अर्थ छुपे हुए हैं. राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाती है.
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वहीं धर्म चक्र के साथ सफेद रंग की बीच की पट्टी हिंदुस्तान के मूल स्वरूप शांति और सच्चाई को दर्शाती है. इसकी अंतिम पट्टी का हरा रंग भारत भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है.
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धर्म चक्र ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाई गई सारनाथ शेर की राजधानी में "कानून का पहिया" दर्शाया. इस चक्र के जरिये ये दर्शाने की कोशिश की गई है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है.
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