डिजिटल मीडिया के दौर में साइबर अपराधी किसी भी सभ्य और सम्मानित व्यक्ति का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उसे परेशान करने लगे हैं.
सांकेतिक तस्वीर | सोशल मीडिया
साइबर अपराधी उस अकाउंट से पैसे की मांग तो करते ही है. साथ ही किसी की न्यूड फोटो बनाकर वायरल करने की धमकी भी देते हैं.
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इसी को ध्यान में रखकर फेसबुक की अनुमति पर नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेल ने फर्जी फेसबुक अकाउंट को बंद करने का अधिकार थानों को दे दिया है.
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पीड़ित की शिकायत पर अब संबंधित थाने की पुलिस उस फर्जी अकाउंट को तत्काल बंद कर सकेगी.
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कोई पीड़ित अपने थाने या भारत सरकार से जारी की गई वेबसाइट cybercrime.gov.in पर शिकायत करता है तो पुलिस अपने थानों के सरकारी ई-मेल से रपट दर्ज कर तत्काल फर्जी अकाउंट बंद कराने के साथ ही साइबर अपराधी का पूरा विवरण भी पता कर लेगी.
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पुलिस अब आसानी से पता कर लेगी कि किसने किस मोबाइल या ई-मेल से फर्जी अकाउंट बनाया है. किस इंटरनेट के आईपी से चलाया जा रहा है.
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पुलिस अपने ब्राउजर पर जाकर facebook.com/record पर क्लिक करेगी. फेसबुक उससे सरकारी ई-मेल मांगेगा. सरकारी ई-मेल का एड्रेस भेजते ही सरकारी ई-मेल पर लिंक आ जाएगा.
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लिंक क्लिक करते ही पुलिस को फार्म मिलेगा, जहां पीड़ित का फर्जी अकाउंट का लिंक, सीआरपीसी-91 का पत्र और कब से कब तक का रिकार्ड (आईपी) चाहिए.
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यह विवरण देना होगा. पुलिस के रिपोर्ट करने के चंद घंटे बाद फर्जी फेसबुक अकाउंट बंद हो जाएगा.
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पीड़ित को नजदीकी थाने में शिकायती पत्र के साथ फर्जी अकाउंट का लिंक और कम्प्यूटर या लैपटाप से लिया गया फर्जी अकाउंट का स्क्रीन शॉट देना होगा.
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