Holi 2024: मथुरा में खेली गयी लठमार होली, ऐसा रहा आयोजन

बरसाना में नंदगांव के हुरियारों और बरसाना की हुरियारिनों ने जमकर लठमार होली खेली और परंपराओं को जीवंत कर दिया.

होली युद्ध की समाप्ति तब हुई जब नंदगांव के हुरियार थक कर चूर हो गए.

तब हुरियारिनें अगले बरस फिर आने का न्यौता दे यह गाती हुई लौट चलीं कि ‘लला, फिर आइयो खेलन होरी.

 बरसाना में वह दृश्य पैदा हो गया, जो हजारों वर्ष पूर्व कृष्ण काल में कभी राधा और उनकी सखियों के साथ कन्हैया और उनके ग्वाल—बालों द्वारा होली खेलते समय देखने को मिला होग.

बरसाना के गोस्वामी समाज के न्यौते पर नंदगांव के हुरियार धोती-कुर्ता पहने और सिर पर साफा बांधे, कमर में फेंटा कसे, हाथों में ढाल और पिचकारियां लिए पूरी तैयारी के साथ पीली पोखर पहुंचे.

 हुरियारों का यह काफिला ‘दरशन दै निकस अटा में ते दरशन दे, श्री राधे वृषभानु दुलारी’ पद गाते हुए बरसाना के लाडिलीजी  मंदिर पहुंचा.

 हुरियारों ने मिलकर ‘गिरधर के अनुराग सौं रंग बरस रहौ बरसानौं जूं’ पद गाते हुए बरसाना के हुरियारों ने पिचकारियों से टेसू के फूलों से निर्मित रंग बरसाना शुरू कर दिया.