गर्भधारण करने के बाद महिलाओं को कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि कैल्शियम उन प्रमुख खनिज पदार्थों में से एक है जो शिशु की ओवरॉल डेवलपमेंट के लिए जरूरी है.
आयरन की कमी से महिलाओं को थकान, कमजोरी और बार बार चक्कर आने जैसी शिकायत हो सकती है. शरीर में आयन की कमी पूरी करने के लिए डाइट में चुकंदर, अनार, आंवला और खजूर को शामिल करना चाहिए.
महिलाओं को डाइट में कुछ मात्रा में चावल, आलू, दलिया और ब्रेड शामिल करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी में जहां तक हो सके रिफाइंड खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करें. इस तरह के खाद्य पदार्थ शरीर में कब्ज का कारण बन सकते हैं
गर्भावस्था के दौरान जिन फलों से बचना चाहिए, उनकी लिस्ट में बताए गए फलों में अनानास एक ऐसा फल है जिस पर आपको सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
हरा पपीता गर्भपात का कारण बन सकता है. चूहे के गर्भाशय में हरे पपीते में पाए जाने वाले पदार्थ (पपैन, पीएलई) का टेस्ट अलग-अलग एस्ट्रस और फर्टाइल चक्रों में किया जाता है. परिणाम बताते हैं कि पीएलई का प्रभाव गर्भाशय के संकुचन का कारण बनता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए अमरूद को सीमित मात्रा में खाना चाहिए. शरीर के तापमान में वृद्धि की संभावना के अलावा अमरूद कब्ज भी पैदा कर सकता है.