तांबा तांबे के बर्तन में पानी पीना हेल्दी माना जाता है. लेकिन तांबे के बर्तनों को गर्म करने से बचें. हाई हीट पर तांबे के बर्तन में खाना बनाते हुए जब आप नमक या दूसरी चीजें डालते हैं, तो इससे केमिकल बनने लगते हैं. तांबे के बर्तन में खाना जहरीला बन सकता है.
एल्युमिनियम एल्युमिनियम बोक्साईट का बना होता है. ये न सिर्फ शरीर को बल्कि स्मरणशक्ति और किडनी को भी प्रभावित करता है.
पीतल पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल भी खाना बनाने के लिए किया जाता है. चिकन, मटन और बिरयानी जैसी कई चीजें होती हैं, जिन्हें बनाने में ज्यादा वक्त लगता है. इसलिए लोग इसमें खाना बनाना पसंद करते हैं, लेकिन पीतल के बर्तन नमक और एसिड वाले फूड से रिएक्ट करते हैं.
लोहा लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है, लोहातत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहे के बर्तन में फोलिक एसिड पाया जाता है, जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है.
मिट्टी मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे. इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं.
सोना पहले लोग सोने के बर्तन में खाते थे, इससे तन मजबूत होता है.
चांदी चांदी के बर्तन में खाने से मन मजबूत होता है, रक्त का प्रवाह संतुलित रहता है. 12 वर्ष तक बच्चों को चांदी के बर्तन में खाना खिलाने से उनका कांफिडेशन बढ़ता रहता है, इसलिए अन्नपराशन के समय ननिहाल से चांदी के बर्तन आते हैं.