Ghoda Library: उत्तराखंड में एक अनोखी लाइब्रेरी से बच्चे सीख रहे हैं ज्ञान की बातें

Shaurya Punj

उत्तराखंड में एक अनोखी लाइब्रेरी है जो लोगों का दिल जीत रही है. यह किताबों वाली कोई भव्य पुरानी इमारत या कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है. यह घोड़े की पीठ पर है. आपने सही पढ़ा, हम बात कर रहे हैं अनोखी और मनमोहक घोड़ा लाइब्रेरी की.

ghoda library of nainital uttarakhand | Twitter

उत्तराखंड के दूरदराज के हिस्सों में, जहां जीवन वैसे भी कठिन है, स्कूलों के बंद होने का मतलब है कि युवा पाठकों को वह शिक्षा नहीं मिल रही है जिसकी उन्हें जरूरत है, खासकर पढ़ने की आदत नहीं.

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इससे बचने के लिए, नैनीताल निवासी शुभम बधानी ने लीक से हटकर सोचा और घोड़ा लाइब्रेरी का यह अनोखा और शानदार विचार लेकर आए.

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आज कई दुर्गम पर्वतीय गांवों में "घोड़ा लाइब्रेरी" के माध्यम से पुस्तकें पहुंचाई जा रही हैं, ताकि पहाड़ के बच्चों का बौद्धिक विकास न रुके. हालांकि, इस मुहिम में कई समस्याएं आईं. शुभम ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या/चुनौती पहाड़ का आपदाग्रस्त होना है.

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दूसरी चुनौती लाइब्रेरी के महत्व को समुदाय को समझाना आसान नहीं और तीसरी चुनौती किताबों का अभाव.

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अभिभावकों की स्वेच्छापूर्ण भागीदारी के कारण यह पहल सफल रही. एक ऐसी व्यवस्था की गई जहां माता-पिता हर हफ्ते एक दिन के लिए अपने घोड़ों को स्वेच्छा से देते थे.

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आइए ईमानदार रहें, घोड़ा बहुत अच्छा स्पर्श था. यह बच्चों के साथ-साथ उन बड़ों का भी ध्यान खींचेगा जिन्हें इसकी जरूरत है.

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