सूर्योदय से पहले जरूर करें ये काम, जानें प्रदोष व्रत के नियम और विधि

Radheshyam Kushwaha

साल की प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी व्रत रखा जाता है. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है.

प्रदोष व्रत | सोशल मीडिया

सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है, इस व्रत में भगवान शिव कि पूजा की जाती है.

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प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले आप त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें.उसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें.

मासिक शिवरात्रि 2024 | सोशल मीडिया

<ul><li>पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले स्नान कर लें और सफ़ेद रंग का वस्त्र धारण करें.</li><li>आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें.</li><li>अब आप गाय का गोबर ले और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें.</li></ul>

Pradosh Vrat 2024 | सोशल मीडिया

<ul><li>पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें.</li><li>पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं.</li><li>भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.</li></ul>

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