Mirror-Less कैमरा को CSC भी कहा जाता है जिसका पूरा नाम कॉम्पैक्ट सिस्टम कैमरा है. यह लगभग DSLR कैमरा के तरह ही काम करता है लेकिन इसमे कोई Movable लेंस नही होता है. इसी वजह से इसे Mirror-Less कैमरा कहा जाता है.
DSLR कैमरा Mirror-Less कैमरा से बड़ा होता है और उसका वजन भी ज्यादा होता है. साइज और वजन के हिसाब से Mirror-Less कैमरा सबसे बढ़िया है.
SLR/DSLR में यह मिरर कैमरे के लेंस और सेंसर के बीच में 45 डिग्री के एंगल पर सेट रहता है. जब हम व्यू फाइंडर में देखते हैं तो बाहर के दृश्य से रिफ्लेक्ट होकर आने वाली प्रकाश की किरणें इस मिरर से टकराती हैं और रिफ्लेक्ट होकर व्यू फाइंडर में पहुंचती हैं और इस तरह व्यू फाइंडर पर लगी हमारी आंख बाहर के दृश्य देख पाती है.
अगर आप सिर्फ विडियो के लिए कैमरा खरीदना चाहते है तो आप Mirror-Less कैमरा ही खरीदे क्योकि की ऑटो फोकस विडियो की क्वालिटी को बढ़ा देता है
अगर आपका काम सिर्फ फोटो लेना है या फिर आप एक अच्छे फोटोग्रापर है तो आप कोई अच्छा DSLR कैमरा खरीद सकते है और अपने हिसाब से आप इसमे चेंजेज भी कर सकते है
आप बस यूं समझ लें कि यदि SLR कैमरे से मिरर हटा लिया जाए तो हो गया मिररलेस कैमरा
पर ऐसा नहीं है कि मिररलेस कैमरे की सिर्फ खूबियां ही हैं, इसकी बैट्री लाइफ कम होती है. ज्यादातर मिररलेस कैमरे की फुल चार्ज्ड बैट्री से 300 से अधिक शॉट्स नहीं लिए जा सकते, जबकि डीएसएलआर कैमरों में 800 से अधिक शॉट्स आराम से लिए जा सकते हैं.
बाजार में नया होने की वजह से कीमत अधिक है