चार नवंबर को दीपावली है, इससे पहले धनतेरस फिर छोटी दीवाली. इस अवसर पर खरीदारी की परंपरा है और इसके लिए बाजारों में भीड़ उमड़ गयी है.
धनतेरस पर बरतन, सोना-चांदी जैसे धातुओं को खरीदने का रिवाज है. जिसके लिए बाजार सज गये हैं.
दीपावली के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दीये और खिलौने के बाजार भी तैयार हैं. इस मौके पर गिफ्ट देने की भी परंपरा है जिसकी वजह से बाजारों में रौनक है.
दो साल पहले तक बाजारों की यह स्थिति खुशी लेकर आती थी, लेकिन अब बाजारों की भीड़ दहशत पैदा करती है.
भीड़भाड़ का मतलब है कि कोरोना वायरस को प्रसार का मौका. आज देश के विभिन्न इलाकों से जो तसवीरें सामने आयी हैं, वो ये बता रही हैं कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन देश में नहीं हो रहा है.
कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर हम कोरोना वायरस को यह मौका दे रहे हैं कि वह तीसरी लहर लेकर आये. देश में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा साढ़े चार लाख को क्राॅस कर गया है.
रुस, चीन और ब्रिटेन में कोरोना वायरस ने एक बार फिर फन फैलाया है, ऐसे में अगर हम नहीं सुधरे, तो आने वाले महीनों में हमें खुद को दुख सहने के लिए तैयार कर लेना चाहिए.