धनतेरस (Dhanteras 2021) के दिन से ही दीपावली (Deepawali 2021) पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस बार धनतेरस 2 नवंबर को है.
धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी जन्म हुआ था और इसीलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में पूजा जाता है.
भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं. दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश लिए हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है.
घर, ऑफिस या दुकान की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए दिवाली से पहले धनतेरस के दिन एक छोटा-सा पीला कपड़ा और 11 गोमती चक्र लें. उस पीले कपड़े को मन्दिर में मां लक्ष्मी के आगे रख दें और उस पर एक-एक गोमती चक्र मंत्र बोलते हुए रखते जाएं। एक गोमती चक्र पीले कपड़े पर रखें और मंत्र बोलें- 'ऊं नारायणाय नमः'
धनतेरस के दिन कौड़ी खरीदना भी शुभ माना जाता है
अगर आप अपने घर में धन की वर्षा करना चाहते हैं तो धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र घर लाकर रख लें और दिवाली के दिन शाम को पूजा के समय उस यंत्र की भी विधि- पूर्वक पूजा कीजिये और कुबेर जी के मन्त्र द्वारा कम से कम 51 हजार बार सिद्ध करके अपने घर में स्थापित कीजिये. मंत्र है– 'ऊँ श्रीं ऊँ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्री क्लीं वित्तेश्वराय नमः'
यह कमल के बीज होता है. शास्त्रों के अनुसार इसमें लक्ष्मी का वास माना जाता है. धनतेरस के दिन कमल गट्टे की माला लेकर आएं और दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को अवश्य चढ़ाएं. इससे आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी.