आपकी निजी जानकारियों पर है साइबर क्रिमिनलों की नजर, 36 फीसदी भारतीय पीड़ित, जानें कैसे रहें सुरक्षित?

Prabhat khabar Digital

36 फीसदी भारतीय पीड़ित

महाराष्ट्र के साइबर क्राइम ने लोगों को डिजिटल प्रतिरूपण से सावधान रहने का सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि 36 फीसदी भारतीय विभिन्न प्रकार की पहचान की चोरी जैसे वित्तीय पहचान की चोरी, सामाजिक पहचान की चोरी आदि से पीड़ित हैं.

सांकेतिक तस्वीर | क्राइम ब्रांच मुंबई

निजी मोबाइल या लैपटॉप का करें उपयोग

साइबर क्राइम विभाग ने सुझाव दिया है कि बैंकिंग उद्देश्यों के लिए केवल व्यक्तिगत मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करें. साथ ही ऑनलाइन कोई भी जानकारी भरते समय सावधान रहें.

सांकेतिक तस्वीर | क्राइम ब्रांच मुंबई

सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग करने के बाद लॉगआउट करें

केवल व्यक्तिगत उपकरणों पर सोशल मीडिया और अन्य निजी प्रोफाइल में लॉग इन करें. साथ ही सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म के अपने अकाउंट को उपयोग करने के बाद लॉगआउट करना याद रखें. गलत वेबसाइट पर जानकारी साझा करने पर खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.

सांकेतिक तस्वीर | क्राइम ब्रांच मुंबई

ऑनलाइन फॉर्म भरते समय सोच-समझ कर साझा करें निजी जानकारी

ऑनलाइन कोई भी फॉर्म भरते समय मांगे जानेवाली निजी जानकारी को सोच-समझ कर साझा करें. अपने ई-मेल, सोशल मीडिया, एसएमएस आदि पर प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें. साइबर क्रिमिनल लिंक्स भेज कर आपके डिवाइस का एक्सेस ले सकते हैं.

सांकेतिक तस्वीर | क्राइम ब्रांच मुंबई

2फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ मजबूत पासवर्ड रखें

साथ ही सभी अकाउंट में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ मजबूत पासवर्ड रखें. बैंकों के स्टेटमेंट को भी लगातार चेक करना ना भूलें. कुछ भी गलत या संदेह होने पर तुरंत अपने बैंक शाखा से संपर्क स्थापित कर शिकायत दर्ज कराएं.

सांकेतिक तस्वीर् | क्राइम ब्रांच मुंबई

एसबीआई ने कहा ई-मेल, एसएमएस, कॉल या एंबेडेड लिंक से नहीं मांगते कोई जानकारी

वहीं, भारतीय स्टेट बैंक ने भी ग्राहकों से कहा है कि ईमेल, एसएमएस, कॉल या एम्बेडेड लिंक के जरिये संपर्क नहीं करता है. साथ ही व्यक्तिगत या बैंकिंग विवरण साझा करने के लिए नहीं कहता है. कुछ भी गलत होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन - 155260 पर कॉल करें.

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