सेक्टर-2 स्थित हरिंद्रानंद के निवास स्थान से अंतिम यात्रा निकली गई. जिसके बाद धुर्वा स्थित सीटीओ घाट पहुंचा. जितनी भीड़ घर में थी, उससे ज्यादा भीड़ सड़क पर थी. सड़क के दोनों ओर लोग लाइन लगाये खड़े थे. भक्तों की अश्रुधारा रुकने की नाम नहीं ले रही थी. भक्त जागो-जागो हे भोले बाबा कह रहे थे.
हरिंद्रानंद जी का निकाली गई अंतिम यात्र | prabhat khabar
झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों बिहार, बंगाल, ओड़िशा से भी शिव भक्त पहुंचे थे रांची. 11:30 बजे अंतिम दर्शन स्थल से पार्थिव देह को घर ले जाया गया, जहां जरूरी रस्मअदायगी हुई. हरिंद्रानंद के भाई हरानंद जी भी मौजूद थे.
नम आखों से दी अंतिम विदाई | prabhat khabar
परिवार में उनके दो पुत्र अर्चित आनंद व अभिनव आनंद हैं. बड़े बेटे सामाजिक कार्यकर्ता व विभिन्न खेल संघ से जुड़े हैं. छोटे पुत्र अभिनव आनंद व्यवसायी हैं. एक बेटी अनुनिता (लवली दीदी) के अलावा भरा पूरा परिवार है.
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब | prabhat khabar
अलग-अलग राजनीतिक दल के लोगों ने भी हरिंद्रानंद जी के अंतिम दर्शन किये. भीड़ इतनी हो गयी कि अर्चित आनंद और उनकी बेटी खुली जीप में खड़े होकर लोगों से अपील संयम बरतने की अपील कर रहे थे. साहेब की इच्छा थी कि उनके शिष्य फलें-फूलें. पुलिस की परेशानी न बढ़ायें.
खुली जीप में खड़े होकर बड़े बेटे ने की अपील | prabhat khabar
अर्थी को कंधा देकर जगन्नाथपुर थाना तक ले जाया गया. उसके बाद शववाहन से उनके पार्थिव देह को शवयात्रा तक ले जाया गया. जिसके बाद हरिंद्रानंद जी का अंतिम संस्कार सीठीओ (धुर्वा) मुक्तिधाम में किया जाएगा.
नम आखों से श्रद्धांजलि देते लोग | prabhat khabar