आंखों में मौजूद कंजक्टिवा सेल्स की एक झिल्ली होती है. जो कि पलकों की अंदरुनी सतह और आंखों के सफेद हिस्से को सुरक्षा प्रदान करती है. जब कंजक्टिवा में सूजन आती है तो छोटी रक्तवाहिकाएं या कोशिकाएं ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं और इससे आंखों में सूजन और जलन होने लगती है.
कंजस्टिवाइटिस की वजह से आंखों में खुजली, एलर्जी और जलन की शिकायत हो जाती है.
कंजक्टिवाइटिस दो कैटेगिरी को होते है. पहली कैटेगिरी एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस, इसमें जिन चीजों से आंखों को एलर्जी हो जैसे पराग कण या फिर क्लोरीन तो आंखों में खुजली होने के साथ जलन होने लगती है और दूसरी कैटेगिरी में इन्फेक्टिव कंजक्टिवाइटिस आता है इसमें बैक्टिरिया या फिर वायरस की वजह से इन्फेक्शन होता है.
आंखों का संक्रमण कन्जक्टिवाइटिस आमतौर पर पहले एक आंख में होकर फिर दूसरी को संक्रमित करती है. कुछ मामलों में दोनों आंखों में एक साथ संक्रमण हो सकता है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार, बारिश के चलते मौसम में नमी बढ़ने की वजह से यह संक्रमण फैलता है. इस मौसम में बेवजह आंखों को नहीं छूना चाहिए. डॉक्टरी सलाह के बिना आंखों में किसी भी तरह की दवा डालने से बचना चाहिए.
दोनों आंखों में एक साथ संक्रमण हो सकता है, बीमारी के तीव्र होने पर मरीज को बुखार जैसा भी महसूस होता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. हो सके तो घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा या गॉगल लगाकर रखना चाहिए.
पलकों को बार बार झपकाएं जिससे आंखों में पर्याप्त नमी बनी रहे. खूब पानी पिएं, और 20-20-20 के नियम का पालन करें – यानी हर 20 मिनट के बाद आपको अपनी आंखों को आराम देने के लिए अपनी आंखों को 20 फीट दूर किसी चीज पर केंद्रित करने के लिए 20 सेकंड का ब्रेक लेने की जरूरत है.