वर्ल्ड मीडिया से समझें Code red for humanity, भयावह मौसम का दे रहा संकेत

Prabhat khabar Digital

ब्रिटिश समाचार पत्र डेली एक्सप्रेस (Daily Express) ने फ्रंट पेज पर आईपीसीसी की रिपोर्ट को जगह दी है. अखबार ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बयान से शीर्षक लगाया है- ‘पीएम: वेकअप टू रेड अलर्ट ऑन क्लाइमेट क्राइसिस (PM: Wake up to red alert on climate crisis).

| IPCC Report

डेली मेल (Daily Mail) ने भविष्य के खतरे को लेकर आगाह करते हुए शीर्षक दिया है- ‘एज डूम्सडे रिपोर्ट वार्न्स ऑफ एपोकैलिप्टिक क्लाइमेट चेंज.... कैन यूके लीड वर्ल्ड बैक फ्रॉम ब्रिंक? (As doomsday report warns of apocalyptic climate change… can UK lead world back from brink?) अखबार ने इस खबर को अंदर प्रकाशित किया है. पहले पन्ने पर कोरोना ट्रेवल टेस्ट की कीमतों पर स्टोरी प्रकाशित की गयी है.

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द डेली टेलीग्राफ (The Daily Telegraph) ने ग्रीस में लगी आग की बड़ी सी तस्वीर फ्रंट पेज पर लगायी है. जो लीड खबर है, उसकी हेडिंग है - विलियमसन: स्टूडेंट्स ‘डिजर्व’ द टॉप ग्रेड्स’ (Williamson: students ‘deserve’ the top grades)

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फाइनेंसियल टाइम्स (Financial Times) ने पहले पन्ने पर लीड स्टोरी छापी है. शीर्षक दिया है- 2040 तक दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो सकती है, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी.

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द गार्जियन (The Guardian) ने भी जलवायु परिवर्तन के असर से होने वाले मौसमी बदलावों पर सारगर्भित रिपोर्ट प्रकाशित की है. उसने हेडलाइन में ही कह दया है कि वैश्विक जलवायु संकट को टालना मुश्किल है, यह अपरिहार्य, अभूतपूर्व और अपरिवर्तनीय है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कार्बन उत्सर्जन में बड़े पैमाने पर कमी बहुत जरूरी है. गंभीर मौसमी परिवर्तन से बचना है, तो तत्काल कदम उठाने होंगे.

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आई (i) समाचार पत्र ने ‘कोड रेड’(Code Red) शीर्षक से खबर लगायी. लिखा- मानवता के भविष्य पर चौंकाने वाला तथ्य - वैज्ञानिकों ने पीएम से यूके के लिए जलवायु योजना बनाने का आग्रह किया.

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मेट्रो ने भी आई की तरह कोड रेड फॉर ह्यूमैनिटी (Code Red For Humanity) शीर्षक से खबर प्रकाशित की है. वैश्विक आपदा को समर्पित इस पन्ने में भीषण आग की तस्वीर लगायी गयी है.

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द इंडिपेंडेंट (The Independent) ने पूरे पेज पर आग, सूखा और बाढ़ की तस्वीरें लगायी है. शीर्षक दिया है - ‘कोड रेड फॉर ह्यूमैनिटी (Code red for humanity). यह आईपीसीसी की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतरेस की प्रतिक्रिया से लिया गया एक अंश है.

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द साउथ चाईना मॉर्निंग पोस्ट (The South China Morning Post) ने ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) की वजह से हांगकांग पर पड़ने वाले असर के बारे में रिपोर्ट पहले पन्ने पर छापी है. हांगकांग (Hong Kong) पर केंद्रित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगखुत से भी अधिक विनाशकारी आंधी, पेयजल आपूर्ति पर कहर बरपाने वाला सूखा और लू का सामना करना पड़ेगा, अगर ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने से नहीं रोका गया.

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द टाइम्स (THE TIMES) ने हालांकि परीक्षा के रिजल्ट को लीड स्टोरी बनाया है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग पर वैज्ञानिकों की चिंता को उससे ऊपर जगह दी है. हेडलाइन है- टॉप साइंटिस्ट्स कॉल फॉर अर्जेंट रोड मैप आउट ऑफ क्लाइमेट क्राइसिस (Top scientists call for urgent road map out of climate crisis).

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द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड (The Sydney Morning Herald) ने भी क्लाइमेट चेंज की वजह से होने वाली समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित किया है. अखबार ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित जो नया डाटा जारी किया है, वह चिंता बढ़ाने वाला और तत्काल कदम उठाने के लिए आगाह करने वाला है.

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Posted By: Mithilesh Jha

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