सूर्य मंदिर सिदगोड़ा (जमशेदपुर) करीब 20 एकड़ में फैला हुआ है. यहां श्रीराम, श्रीकृष्ण, मां दुर्गा, शंकर भोलेदानी, नवग्रह सहित कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं. यहां छठ व्रतियों के लिए दो तालाब बनाये गये हैं. हर वर्ष करीब 10 हजार श्रद्धालु जुटते हैं. परिसर में ही चिल्ड्रेन पार्क है. टहलने के लिए वॉकिंग पाथ है. इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2001 में हुआ था.
20 एकड़ में फैला है जमशेदपुर का सूर्य मंदिर | jharkhand tourism
प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर के पास दामोदर और भैरवी नदी के संगम पर यह सूर्य मंदिर स्थापित है. झारखंड के आस-पास के राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. 1985 में बने इस सूर्य मंदिर में स्थापित एक पहिए के रथ को खींचते सात हरे रंग के घोड़े पर सवार सूर्य की प्रतिमा देखते ही बनती है. मानना है कि सिद्धपीठ स्थित भगवान सूर्य मंदिर में पूजा-अर्चना छठ करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है.
आस्था का केंद्र है रजरप्पा स्थित भगवान सूर्य का मंदिर | jharkhand tourism
रांची से करीब 40 किमी दूरी पर बुंडू का विशालतम सूर्य मंदिर स्थित है. इसका निर्माण संगमरमर से किया गया है. 18 पहियों और सात घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य का प्रारूप भव्य लगता है. छठ महापर्व पर हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस बार भी आकर्षक लाइटिंग की गयी है. छठ व्रतियों के लिए टोकन सुविधा शुरू की गयी है. व्रती के परिजन संपर्क कर अपना स्थान सुनिश्चित कर सकते हैं.
18 पहियों व सात घोड़ों के रथ पर विराजमान हैं सूर्यदेव | jharkhand tourism
जलीय सूर्य मंदिर जमुआ-देवघर रोड पर स्थित है. यह मंदिर आस्था के साथ-साथ उत्कृष्ट बनावट की वजह से भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस मंदिर की कल्पना एक कमल पुष्प रूपी रथ के रूप में की गयी है. गर्भ-गृह में रथ पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा भव्य लगती है. मंदिर के चारों ओर कोणार्क मंदिर की तर्ज पर रथ के छह पहिए बने हैं. इस मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचने के लिए 60 फीट लंबे पुल से गुजरना पड़ता है.
गिरिडीह के जलीय सूर्य मंदिर की सुंदरता अद्भुत | jharkhand tourism