तालिबान के कब्जे के बाद अफगानी खौफजदा है और देश छोड़कर निकल जाना चाहते हैं, अफरा-तफरी इस कदर मची है कि लोगों को अपने जान की भी परवाह नहीं है.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गये हैं हालांकि उनका कहना है कि वे देश को खून खराबे से बचाना चाहते थे इसलिए बाहर गये हैं.
तालिबान के कब्जे के बाद आईएमएफ ने अफगानिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि अफगानिस्तान आईएमएफ के संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा.
तालिबान ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा है कि हम किसी से बदला नहीं लेंगे हमने सबको माफ कर दिया है. हम सभी देशों के साथ अच्छे राजनयिक और व्यापारिक संबंध बनायेंगे.
तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है वे सारी स्वतंत्रता दी जायेगी और शरिया कानून देश में लागू होगा.
तालिबान ने अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात का गठन कर दिया है यानी अब अफगानिस्तान एक इस्लामिक देश बन गया है.
अफगानिस्तान में सत्ता चलाने के लिए एक कौंसिल बनाया जा रहा है जिसका सर्वेसर्वा तालिबान का सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा होगा.
हैबतुल्लाह अखुंदजादा कट्टर धार्मिक नेता है जिसका आदेश तालिबान के लिए सर्वोपरि है.
अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
तालिबान ने विरोध प्रदर्शन करने वालों और अफगानी झंडा उठाने वालों पर फायरिंग की.
तालिबान का खौफ इस कदर है कि ब्यूटी पार्लर के बाहर महिलाओं की तसवीर को काले रंग से रंग दिया गया.
तालिबान के शासन के बाद खौफजदा लोग काबुल एयरपोर्ट पर उमड़ पड़े और अमेरिकी प्लेन के ऊपर चढ़ गये, कुछ लोग प्लेन से लटक गये थे और प्लेन के आकाश में उड़ने के बाद उनकी गिरकर मौत हो गयी.