पटना स्थित महावीर मंदिर की ख्याति प्रदेश ही नहीं बल्कि पुरे देश भर में है.उत्तर भारत में हनुमान जी के अनेकों मंदिरों में यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. कोरोना संकट के कारण इसबार भी रामनवमी पर प्रवेश बंद है लेकिन लाइव दर्शन किया जा रहा है..
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पटना रेलवे स्टेशन के सामने स्थित महावीर मंदिर देश में अग्रणी मंदिरों में से एक है. इसकी ख्याति मनोकामना मंदिर के रूप में है, जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें रामभक्त हनुमान की युग्म प्रतिमाएं हैं.
महावीर मंदिर | Prabhat Khabar
पहली 'परित्राणाय साधूनाम्' जिसका अर्थ है अच्छे व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए और दूसरी 'विनाशाय च दुष्कृताम्' जिसका अर्थ है दुष्ट व्यक्तियों की बुराई दूर करना है. बिहार में यह हिन्दुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. हर रोज हजारों श्रद्धालु हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने आते हैं.
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महावीर मंदिर का क्षेत्रफल करीब 10 हजार वर्ग फुट है. मंदिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है. मंदिर की पहली मंजिल पर देवताओं के चार गर्भगृह हैं.
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इस मंदिर के उपरी तल्ले पर एक अस्थायी राम सेतु भी मौजूद है. इस सेतु को कांच के एक पात्र में रख गया है जिसका वजन करीब 15 किलोग्राम है. जिस तरह रामसेतु के पत्थर समुद्र की लहरों पर तैर रहे थे उसी तरह रामसेतु का टुकड़ा भी यहां पानी में तैर रहा है.
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अगर महावीर मंदिर पटना की पहचान है, तो नैवेद्यम महावीर मंदिर की. घी, बेसन, केसर और मेवे से बने प्रसाद 'नैवेद्यम' का स्वाद जिसने एक बार लिया, उसे वह ताउम्र याद रखता है. नैवेद्यम और महावीर मदिर का साथ 25 साल का हो चुका है. हाल ही में एफएसएसआई ने उत्तम भोग का प्रमाण दिया हाै.
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पटना रेलवे जंक्शन के पास स्थित हनुमानजी का यह महावीर मंदिर पारम्परिक रूप से तीर्थ नहीं होते हुए भी देश के दूसरे भागों में भी प्रभावशाली बन गया है.
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