बारिश की फुहारों में लीची पर निखार, बाजारों में आने को बेताब Muzaffarpur का शाही फल...

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(सभी तसवीरें: माधव, प्रभात खबर, मुजफ्फरपुर)

ताउ ते तूफान की वजह से बिहार के कई शहरों में हल्की बारिश हुई है. बारिश की वजह से जहां एक ओर शहरों का हाल बेहाल हो गया है. वहीं मुजफ्फरपुर की शाही लीची के लिए यह बारिश वरदान बनकर आई है. (सभी तसवीरें: माधव, प्रभात खबर, मुजफ्फरपुर)

शाही लीची के लिए यह बारिश वरदान बनकर आई है | माधव, प्रभात खबर

बताया जा रहा है कि हल्की बारिश होने की वजह से अब लीची में मिठास बढ़ जाएगी. वहीं लीची में जल्द ही लाली आ जाएगी.

Litchi Benifit | माधव, प्रभात खबर

लीची किसानों की मानें तो इस बार लीची मई के तीसरे हफ्ते से बाजार में तैयार होकर उतरने लगेंगी. किसानों की मानें तो इस बार लीची की फसल देर से बाजार में आ रही है.

Litchi News | माधव, प्रभात खबर

इधर, लीची किसान फसल तैयार होने से पहले टेंशन में है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को दूसरे शहर में लीची भेजने में कठिनाई आ रही है.

Litchi Production | माधव, प्रभात खबर

पिछले दिनों सरकार ने लीची किसानों को राहत देते हुए लॉकडाउन में भी आरा मशीन खोलने की इजाजत दी थी. इधर, लीची किसान अपने फल को ट्रांसपोर्ट कोरोना नियमों का पालन करते हुए कर सकते हैं.

Litchi Production | माधव, प्रभात खबर

वहीं कांटी सहबाजपुर के किसान बबलू कुमार शाही ने बताया कि ओमान लीची भेजने के लिए लाइसेंस बनवाया था.लेकिन कोरोना के कारण एग्रीमेंट नहीं हो पाया. वहां कीमत अच्छी मिलती है. इससे पहले दुबई लीची भेजते थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार संभव नहीं है.

Litchi Production | माधव, प्रभात खबर

(सभी तसवीरें: माधव, प्रभात खबर, मुजफ्फरपुर)

मुजफ्फरपुर की लीची कारोबारी 90 से 100 रुपये किलो के दर से किसान से खरीद करते है. मार्केट के मांग के हिसाब से मॉल से लेकर खुली बाजार में बेचते है. (सभी तसवीरें: माधव, प्रभात खबर, मुजफ्फरपुर)

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