असम के चाय बगान में मजदूरों से बात कर प्रियंका गांधी ने उनसे आत्मीयता दिखाई
प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के दौरान हमेशा इंदिरा गांधी के अंदाज में रहती हैं और उनकी ही तरह लोगों से मिलती जुलती हैं. उनके साथ जमीन पर खेत में बैठ कर बतियाना उनकी खासियत है.
आदिवासियों के बीच पहुंचकर उनके साथ नृत्य करना भी प्रियंका का अंदाज है और आदिवासियों का वोट भी कांग्रेस को हमेशा से मिलता रहा है.
असम का गमछा अभी खासा चर्चा में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीकाकरण के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं तो प्रियंका गांधी चाय बागान में.
प्रियंका बचपन से ही अपने पिता और उसके बाद भाई और मां के लिए चुनाव प्रचार करती रही हैं. वे आमलोगों के बीच जाकर उनसे घुलमिल जाती हैं.
चाय की पत्ती का लेन देन वोट में कितना बदलेगा यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन अभी तो प्रियंका का अंदाज आम लोगों को भा रहा है.
मैरुन कलर की साड़ी सिर पर गमछा और टोकरी डाल प्रियंका गांधी पहुंची चाय बागान