तीरंदाजी की सीनियर नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन एक अक्तूबर से जमशेदपुर में किया जा रहा है. जिसमें देश भर के तीरंदाज शामिल होंगे. इसमें हमारे झारखंड के भी खिलाड़ी शामिल होंगे. लेकिन वो बिना अभ्यास के अपनी तीरंदाजी का कौशल दिखायेंगे.
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क्योंकि झारखंड के तीरंदाजी के कुल नौ सेंटर पिछले एक वर्ष से अधिक समय से बंद हैं.अब ऐसे में तीरंदाजों के सामने एक ही समस्या है कि वो सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में अपना बेहतर कैसे दे पायेंगे. झारखंड टीम से कुल 24 तीरंदाज इस प्रतियोगिता में शामिल होंगे, जिसके लिए इसी महीने में ट्रायल का आयोजन राज्य संघ करेगा.
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झारखंड टीम का चयन करके 19 सितंबर तक सूची आयोजन समिति को भेज देनी हैं. लेकिन राज्य के कुल नौ डे बोर्डिंग और आवासीय सेंटरों के खिलाड़ियों के सामने परेशानी है कि वो ट्रायल में कैसे भाग लें. पिछले एक वर्ष से अधिक समय तक ये खिलाड़ी अभ्यास से दूर हैं. खेल के सेंटर बंद होने से लगभग 200 से 250 खिलाड़ियों की परेशानी बढ़ गयी है.
सरायकेला की आर्चरी अकादमी में पसरा सन्नाटा | Symbolic Pic
हालांकि इसमें कुछ कम संख्या में ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने संसाधन के माध्यम से अभ्यास किया है. ने वहीं झारखंड तीरंदाजी संघ की सचिव पूर्णिमा महतो का कहना है कि संघ खेल निदेशालय से सेंटर खोलने की बात करेगा. लेकिन भारतीय तीरंदाजी संघ आयोजन कर रही है तो उसे रोका भी नहीं जा सकता है. खिलाड़ियों को तो इसमें प्रतियोगिता में ट्रायल के बाद शामिल होना होगा.
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एक से नौ अक्तूबर तक जमशेदपुर में होने वाली सीनियर नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में झारखंड की 24 सदस्यीय टीम भाग लेगी. इसमें रिकर्व में चार बालक व चार बालिका, कंपाउंड में चार बालक व चार बालिका और इंडियन राउंड में चार बालक और चार बालिका तीरंदाजों का चयन होना है.
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बता दें कि बिरसा मुंडा आर्चरी एकेडमी के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जबरदस्त छाप छोड़ी है. इसके अलावा राज्य में जोन्हा आर्चरी सेंटर, चंदनक्यारी सेंटर भी है. तीन सेंटर ऐसे हैं, जो निजी कंपनी द्वारा संचालित किये जाते हैं.
बिरसा तीरंदाजी सेंटर 1 साल पहले की स्थिति | Symbolic Pic