भगवान विष्णु को समर्पित अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इसे लोकभाषा में अनंत चौदस के नाम से भी जाता है. इस वर्ष ये पर्व 19 सितंबर, रविवार को मनाया जा रहा है
अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने वाला माना गया है
चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त- इस दिन चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर 2021 की सुबह 6:07 मिनट से शुरू होकर, 20 सितंबर 2021 सोमवार को सुबह 5:30 मिनट तक रहेगी. पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय सुबह 11:56 बजे से दोपहर 12:44 मिनट तक है.
महिलाओं ने अनंत चतुर्दशी व्रत की महिमा बताते हुए कहा कि अनंत सूत्र बांधते समय यह मंत्र पढ़ना चाहिए-‘अनंत संसार महासमुद्रे मग्नं समभ्युद्धर वासुदेव।अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्यनंतसूत्राय नमो नमस्ते॥’
अनंत के 14 गांठ का रहस्य अनंत चतुर्दशी की पूजा में सूत्र का बड़ा महत्व है. इस व्रत में स्नानादि करने के बाद अक्षत,दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुए चौदह गांठ के अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा के सामने रखकर पूजा की जाती है.
व्रत विधि सुबह जल्दी उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प करें. इसके बाद पूजा के स्थान को साफ करके और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें. वहां एक कलश स्थापित करें. कलश पर भगवान विष्णु की शेषनाग की शैय्यापर लेटे हुए एक तस्वीर को रखें. तस्वीर के सामने चौदह गांठों वाला अनंत सूत्र रखें. इसके बाद ॐ अनन्ताय नम: मंत्र से भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें.
पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 14 वर्षों तक अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से मनुष्य को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. इस व्रत को लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम स्रोत का पाठ करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.