व्हाइट हाउस ने कहा है कि यूक्रेन के साथ अकारण एवं बर्बर युद्ध छेड़ने वाले रूस के साथ किसी भी अन्य देश का सैन्य अभ्यास करना उसके लिए चिंताजनक है. व्हाइट हाउस का यह बयान तब आया है जब रूस ने ‘वोस्तोक 2022' अभ्यास की घोषणा की है.
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इस युद्धाभ्यास में भारत, चीन और कई देशों के 50 हजार से अधिक सैनिक हिस्सा लेंगे. रूस में सोमवार को कहा था कि एक से सात सितंबर के बीच सैन्य अभ्यास ‘वोस्तोक 2022' आयोजित किया जाएगा जिसमें भारत, चीन और कई देशों के 50 हजार से अधिक सैनिक हिस्सा लेंगे.
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रूस की सरकारी समाचार समिति ‘तास' ने अपनी एक रिपोर्ट में रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि यह अभ्यास हिस्सा लेने वाले देशों की सेनाओं को ‘रक्षात्मक और आक्रामक अभियानों के गुर' सीखने का अवसर प्रदान करेगा.
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यह अभ्यास सात अलग-अलग स्थानों पर किए जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया, यह सामरिक गतिविधि 50 हजार सैनिकों, युद्ध से जुड़े पांच हजार साजो समान व सैन्य उपकरण, 140 विमान, 60 युद्धपोत तथा अन्य जहाजों के साथ होगी.
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रिपोर्ट के अनुसार इस सैन्य अभ्यास में चीन, भारत, लाओस, मंगोलिया, निकारागुआ, सीरिया और पूर्व सोवियत देश हिस्सा ले रहे हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यूक्रेन के साथ अकारण एवं बर्बर युद्ध छेड़ने वाले रूस के साथ किसी भी अन्य देश का सैन्य अभ्यास करना उसके लिए चिंताजनक है.
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पियरे ने ‘एयर फोर्स वन' विमान पर पत्रकारों से कहा, किसी भी देश का रूस के साथ अभ्यास करना अमेरिका के लिए चिंताजनक है, क्योंकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अकारण युद्ध छेड़ा है, लेकिन भाग लेने वाले प्रत्येक देश को खुद निर्णय लेना है और मैं यह फैसला उन पर छोड़ती हूं.
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रूस में होने वाले वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों के हिस्सा लेने के बारे में भारतीय सेना अथवा रक्षा मंत्रालय ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. गौरतलब है पिछले वर्ष भारत ने रूस में ‘जेडएपीएडी 2021' अभ्यास में हिस्सा लिया था, जिसमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल हुए थे. (इनपुट- भाषा)
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