अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने. पहला कार्यकाल 13 दिन का, दूसरा 13 महीने का और फिर 5 साल का रहा. वर्ष 1998-99 और फिर 1999 से 2004 तक वह देश के पीएम रहे.
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भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को 23 दिन के लिए जेल जाना पड़ा था. जनता दल की सरकार में वह विदेश मंत्री बनाये गये थे.
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अटल बिहारी वाजपेयी 11 बार लोकसभा के सांसद चुने गये. दो बार वह राज्यसभा के सदस्य रहे. 45 साल तक वह संसद के सदस्य रहे.
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अटल बिहारी वाजपेयी एकमात्र लोकसभा सांसद हैं, जिन्होंने चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, नयी दिल्ली और गुजरात) की 6 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की.
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भारत-पाकिस्तान के संबंध में सुधार के अटल बिहारी वाजपेयी प्रबल पैरोकार थे. उन्होंने संबंध सुधारने की पहल करते हुए बस से पाकिस्तान की यात्रा की थी.
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अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कहा जाता है कि राजनीति की वजह से उन्होंने शादी नहीं की. एक बार इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आपने शादी क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा- मैं अपने काम में इतना व्यस्त रहा कि इसके बारे में भूल ही गया.
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वर्ष 2014 में जब देश में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी, तो उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन 25 दिसंबर को गुड गवर्नेंस डे (सुशासन दिवस) घोषित कर दिया.
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अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत ने राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया. बेहद गोपनीय तरीके से किये गये इस परीक्षण को ऑपरेशन शक्ति नाम दिया गया था.
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वर्ष 2015 में अटल बिहारी वाजपेयी को बीजेपी की सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके घर जाकर उन्हें यह सम्मान दिया.
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16 अगस्त 2018 को भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में शुमार अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया.
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अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2005 में खराब सेहत की वजह से सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर दिया. बाद में वह गंभीर रूप से बीमार रहने लगे और किसी से मिलते-जुलते नहीं थे.
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