Facebook को पूरी दुनिया में करोड़ों यूजर्स इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में एक ऑनलाइन रिपोर्ट से पता चला है कि 1.5 अरब फेसबुक यूजर्स का डेटा एक हैकर फोरम पर बिक्री के लिए उपलब्ध देखा गया.
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प्राइवेसी अफेयर्स प्राइवेट रिसर्च कंपनी के मुताबिक जो डेटा ऑनलाइन बिक्री के लिए देखा गया था, उससे यह पता नहीं चलता है कि किसी हैकर ने सिस्टम में किसी तरह की चोरी की थी.
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मगर ऐसा बताया जा रहा है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डाटा स्क्रैप करके लिया गया था. इस चोरी हुए डेटा में नाम, ईमेल एड्रेस, लोकेशन, जेंडर, फोन नंबर और फेसबुक यूजर आईडी की इंफॉर्मेशन मौजूद है.
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स्क्रैपिंग की बात करें, तो यह पब्लिकली मौजूद यूजर्स की जानकारी को एकत्रित किया जाता है और उसके बाद उन्हें डेटाबेस में रखा जाता है और लिस्ट में रखा जाता है. हैकर्स ऑनलाइन क्विज और ट्रिविया के साथ यूजर्स को दिखा कर डेटा को स्क्रैप कर सकते हैं.
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इसमें यूजर्स को अपनी निजी जानकारी देने की जरूरत होती है. ऐसे में डर है कि इस डेटा के जरिये हैकर्स किसी यूजर की प्रोफाइल को खंगाल सकते हैं और उनके साथ धोखा कर सकते हैं.
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रिपोर्ट्स की बात करें, तो Facebook के जरिये टेकडाउन रिक्वेस्ट भेजने के बाद हैकर फोरम ने पोस्ट को हटा लिया गया है. रिसर्च आर्टिकल में हैकर द्वारा बताया गया कि इंफॉर्मेशन चार साल पुराने स्क्रैपिंग बिजनेस के जरिये एकत्रित की गई थी. रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है.
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आपको बता दें कि कुछ खरीदारों ने यह भी बताया कि पेमेंट करने के बाद भी उन्हें कोई डेटा नहीं मिला. इससे यह अनुमान लगाया जाने लगा कि हैकर किसी बड़े स्तर के फ्रॉड का हिस्सा था.
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हैकर फोरम से पोस्ट हटाने का मतलब है कि अभी तक बिक्री के लिए किसी फेसबुक यूजर्स का डेटा नहीं है. मगर यूजर्स को यह साफ करना होगा कि अगर उन्हें हैक से बचना है तो उन्हें अपनी फेसबुक प्रोफाइल पब्लिक नहीं करनी चाहिए.
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