अपने शौक को पूरा करने के लिए समर खान ने माउंट बाइकिंग शुरू की थी. लेकिन, वह अब के2 बेस कैंप पर पहुंचने वाली पाकिस्तान की पहली महिला एथलीट बन गयी हैं. उन्होंने अपनी यात्रा का डॉक्यूमेंटेशन कर सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम, ट्विटर पर भी साझा किया है.
Samar Khan | Twitter
समर खान ने यात्रा की कठिन चुनौतियों के बावजूद अपनी राइड को कैसे पूरा किया, सोशल मीडिया पर साझा किया है. ऑक्सीजन की कमी होने, चोटें लगने, कंपकंपाती ठंड को लेकर भी उन्होंने यात्रा के किस्से बयां किये हैं.
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समर खान ने कहा है कि कॉनकॉर्ड के चारों ओर खतरनाक दरार को पार करना सबसे बड़ी चुनौती थी. के2 बेसकैंप तक पहुंचने के लिए लंबे गॉडविन ऑस्टेन ग्लेशियर को पार करना भी बड़ी चुनौती थी. हालांकि, बेस कैंप पर पहुंचने के बाद उन्होंने 'ग्रीन राइड' की तस्वीरें साझा की हैं.
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के2 बेस कैंप पर पहुंचने के बाद समर खान ने कहा कि ''राइड टू के2 बेस कैंप एक जीवन बदलनेवाली यात्रा रही है. यह मेरी क्षमताओं की वास्तविक परीक्षा रही है. बारिश, बर्फबारी, चोट, जकड़न, कम ऑक्सीजन लेवल के बावजूद ऊंचाई पर पहुंचने की जिद ने मुझे लचीला बना दिया.''
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समर खान के मुताबिक, के2 बेसकैंप पर बाइक से पहुंचने का उनका फैसला जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगों को जागरूकता करना था. समर खान ने आपात स्थिति में समर्थन देने के लिए पाकिस्तानी सेना का भी आभार व्यक्त किया है.
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