बालू के अवैध कारोबार को लेकर प्रभात खबर ने एक बार फिर की पड़ताल. गांधी सेतु के ठीक नीचे ही बालू की अवैध मंडी लग रही है.फोटो:- सरोज
| सरोज
यहां रोज 500 से अधिक नावों पर सैकड़ों क्विंटल गंगा के रास्ते बालू को लाया जा रहा है.फोटो:- सरोज
| सरोज
घाटों पर नाव से बालू निकाल ट्रैक्टर पर लोड किया जाता है, जहां से बाजार में बालू बिकने के लिए जाता है. शाम चार बजे के बाद ही यहां मंडी सज जाती है.फोटो:- सरोज
| सरोज
कोइलवर-बिहटा से लेकर पटना तक शाम ढलते ही अवैध खनन का खेल शुरू हो जाता है. कोइलवर के पास कमालचक, मानाचक, सुरौधा टापू सहित करीब एक दर्जन जगहों से बालू का अवैध खनन होता है. फोटो:- सरोज
| सरोज
एक घाट पर 100 से 500 तक अवैध बालू लदी नावें आती है. नावों से पूरी नदी पट जाती है. फोटो:- सरोज
| सरोज
एक घाट पर 100 से अधिक मजदूर काम करते हैं.जैसे-जैसे बालू लोड होती जाती है, नावें अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाती हैं.फोटो:- सरोज
| सरोज
सुबह तीन-साढ़े तीन बजे तक यहां से कई दिशाओं में बालू को ले जाया जाता है. फोटो:- सरोज
| सरोज
छपरा के डोरीगंज, सोनपुर, मनेर, दीघा घाट, पहलेजा घाट और फिर सोनपुर और फिर पटना के कई घाटों पर बालू लाया जाता है.फोटो:- सरोज
| सरोज
फोटो क्रेडिट:- सरोज
| सरोज