राष्ट्रीय रंग दिवस जो हर साल 22 अक्टूबर को मनाया जाता है, हमारे जीवन में रंगों के प्रभाव पर केंद्रित होता है
हर रंग का हमारी सोच पर गहरा प्रभाव पड़ता है. कुछ रंग हम पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं तो कुछ नकारात्मक. अक्सर लोग दुविधा में पड़ जाते हैं कि रंगों का चुनाव वास्तु के आधार पर करें.
यदि पति-पत्नि में परस्पर झगड़ा होता हो तथा झगडे की पहल पति की ओर से होती हो तब पति-पत्नि अपने शयनकमरे में लाल, नारंगी, ताम्रवर्ण का अधिपत्य रखें इससे दोनों में सुलह तथा प्रेम रहेगा.
गुलाबी रंग स्त्री सूचक होता है. अत: रसोईघर में, ड्राईंग रूम में, डायनिंग रूम तथा मेकअप रूम में गुलाबी रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिये.
बेडरूम में नीले रंग का बल्व लगवायें नीला रंग अधिक शांतिमय निद्रा प्रदान करता है. विशेष कर अनिद्रा के रोगी के लिये तो यह वरदान स्वरूप.
रंग चिकित्सा का उपयोग किसी कमरे के विशेष उद्देश्य और कमरे की दिशा पर निर्भर करती है. रंग चिकित्सा पद्दति का आधार सूर्य के प्रकाश के सात रंग हैं. इन रंगों में बहुत सी बीमारियों को दूर करने की शक्ति होती है.
कहा जाता हे कि रंग आँखों के माध्यम से हमारे अंदर प्रविष्ट होते हैं एवं हमारे स्वास्थ्य, चिंतन, आचार-विचार आदि पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है. अत: उचित रंगों का प्रयोग कर हम वांछित लाभ पा सकते हैं. लाल रंग शक्ति, प्रसन्नता प्रफुल्लता और प्यार का प्रोत्साहित करने वाला रंग है.