महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में औपनिवेशिक शासन से भारत की आजादी के बाद ब्रिटिश सिंहासन पर काबिज होने वाली पहली ब्रिटिश शासक थीं. उन्होंने अपने 70 साल लंबे शासनकाल में तीन बार-1961, 1983 और 1997 में भारत की यात्रा की थी.
Queen Elizabeth II | twitter
इस दौरान महारानी ने देश में मिली ‘गर्मजोशी और आतिथ्य' की खूब तारीफ भी की थी. उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था, भारतीयों की गर्मजोशी और आतिथ्य भाव के अलावा भारत की समृद्धि और विविधता हम सभी के लिए एक प्रेरणा रही है.
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1961 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके दिवंगत पति प्रिंस फिलिप ने मुंबई, चेन्नई और कोलकाता का दौरा किया था. उन्होंने आगरा पहुंचकर ताज महल का दीदार करने के साथ ही नयी दिल्ली में राज घाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी.
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एलिजाबेथ और फिलिप तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के निमंत्रण पर भारत की गणतंत्र दिवस परेड में सम्मानित अतिथि थे.
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महारानी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित भी किया था. महारानी ने 1983 में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा की थी.
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इस दौरान उन्होंने मदर टेरेसा को ऑर्डर ऑफ द मेरिट की मानद उपाधि से नवाजा था. भारत की उनकी अंतिम यात्रा देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हुई थी. इस दौरान उन्होंने पहली बार औपनिवेशिक इतिहास के ‘कठोर दौर' का जिक्र किया था.
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उन्होंने कहा था, यह कोई रहस्य नहीं है कि हमारे अतीत में कुछ कठोर घटनाएं हुई हैं. जलियांवाला बाग एक दुखद उदाहरण है. महारानी और उनके पति ने बाद में 1919 में नरसंहार के गवाह बने अमृतसर के जलियांवाला बाग का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की थी.
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