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Friday, March 29, 2024

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अफगानिस्तान के प्रति भारत का समर्थन जारी रहेगा : नरेन्द्र मोदी

नयी दिल्ली : भारत ने आज अफगानिस्तान के पडोसी देशों द्वारा सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाए जाने और हिंसा को समर्थन देना बंद करने की मजबूत पैरवी की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सुरक्षा के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया. राजनीति और भूगौलिक बाधाओं के […]

नयी दिल्ली : भारत ने आज अफगानिस्तान के पडोसी देशों द्वारा सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाए जाने और हिंसा को समर्थन देना बंद करने की मजबूत पैरवी की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सुरक्षा के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया.
राजनीति और भूगौलिक बाधाओं के बावजूद भारत-अफगानिस्तान की साझेदारी के फलने फूलने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और रंचमात्र हिंसा के बिना अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने मालिकाना इख्तियार की सफलता दोनों के साझा हित में है. व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर गनी के साथ समग्र वार्ता के बाद मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अफगानी नेता के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए गनी के दृष्टिकोण के प्रति भारत के समर्थन का संदेश देते हैं.
उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने इतिख्यार वाली प्रक्रिया की सफलता में साझा हित निहित हैं. यह अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और बिना किसी हिंसा के होना चाहिए. मोदी ने कहा, इससे पिछले 14 साल की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को मजबूती मिलनी चाहिए और इससे अफगान महिलाओं समेत समाज के सभी वर्गो के अधिकारों और आकांक्षाओं का संरक्षण होना चाहिए. अफगानिस्तान में पिछली सरकार द्वारा हिंसा को समर्थन देने का आरोप झेलने वाले पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, इस प्रक्रिया की सफलता के लिए पडोसियों द्वारा हिंसा को समर्थन देना बंद करने के साथ ही सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाने की जरुरत है.
अफगानिस्तान के साथ अपनी दोस्ती और सद्भावना को काफी अहमियत देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अफगानिस्तान की जनता के साथ खडा है जो एक अखंड, स्थिर, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में लगी है. मोदी ने इसके साथ ही कहा, यह हमारी दोस्ती की जिम्मेदारी है. यह क्षेत्रीय शांति और प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी परिणाम है और यह केवल बदलाव या संक्रमणकालीन दशकों तक ही सीमित नहीं रहेगा. अफगानिस्तान में भारतीयों की अपने लोगों की तरह रक्षा करने के लिए अफगान सुरक्षा बलों का आभार जताने के साथ ही मोदी ने कहा, हम लगातार बने आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा पर अफगानिस्तान के दर्द को समझ सकते हैं जिसने जिंदगियों का तबाह किया और प्रगति को पटरी से उतार दिया. मैं आतंकवाद के खिलाफ सहयोग में उनका शुक्रिया अदा करता हूं. इस अवसर पर गनी ने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान के लोगों को डरा रहा है और इसका मुकाबला कर इस पर काबू पाए जाने की जरुरत है. मोदी ने यह भी कहा कि भारत अफगान सुरक्षा बलों के क्षमता निर्माण में अपना समर्थन जारी रखने को तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे खुशी है कि हमने अफगानिस्तान में तीन चीतल हेलिकाप्टर दिए हैं जिससे अफगान बलों की क्षमताओं में इजाफा होगा. पिछले वर्ष के शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक बदलाव को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे अफगानिस्तान की तरक्की में बहुत मददगार बताया और कहा कि जनादेश और राजनीतिक एकता को बनाए रखना देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा.
मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रतिभा, संसाधन और स्थिति के आधार पर अफगानिस्तान की समृद्धि के उनके प्रभावशाली दृष्टिकोण को साझा करते हैं. उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि भारत तथा शेष दक्षिण एशिया के साथ अफगानिस्तान का सीधा सडक संपर्क तथा समुद्र के साथ बढता संपर्क अफगानिस्तान को एक ऐसे केंद्र में बदल सकता है जो एशिया के विभिन्न क्षेत्रों और उससे परे के क्षेत्रों को जोडता हो. प्रधानमंत्री ने कहा, हम आईसीपी अटारी में अफगान ट्रकों का स्वागत करने को तैयार हैं. हम अफगान पाकिस्तान ट्रेड एंड ट्रांजिट एग्रीमेंट के अगले समझौते में शामिल होने को भी तैयार हैं. यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक पुराने व्यापार मार्गो में से एक को पुन: स्थापित करेगा. मैं चाहबहार बंदरगाह परियोजना को ईरान में आगे बढाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराता हूं. हम जल्द ही मोटर वाहन समझौते को भी संपन्न करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी विकास साझेदारी को भी विस्तार देगा जिसमें ढांचा, कृषि, संपर्क, मानव संसाधन विकास, सामुदायिक परियोजनाएं और मानवीय सहायता शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत नए कारोबार और निवेश अवसरों को भी तलाशेगा.
मोदी ने कहा, हमारे प्रयासों में अफगान बच्चों पर हमारा विशेष ध्यान है. आज मैं काबुल में हबीबिया स्कूल, इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य देखभाल अस्पताल और रेड क्रीसेंट सोसायटी फंड को फिर से अपना समर्थन दोहराता हूं.
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