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नाम बदलने पर कहीं खुशी कहीं विरोध

कोलकाता : पश्चिम बंगाल का नाम बंगाली में ‘बांग्ला’ और अंग्रेजी में ‘बंगाल ’ रखने के प्रस्ताव का विपक्ष ने विधानसभा में विरोध किया. वाममोरचा नेता सुजन चक्रवर्ती ने प्रस्ताव के खिलाफ संशोधन पेश किया. यह संशोधन 189 के मुकाबले 31 मत से गिर गया. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि हम बंगाल के नाम परिवर्तन […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल का नाम बंगाली में ‘बांग्ला’ और अंग्रेजी में ‘बंगाल ’ रखने के प्रस्ताव का विपक्ष ने विधानसभा में विरोध किया. वाममोरचा नेता सुजन चक्रवर्ती ने प्रस्ताव के खिलाफ संशोधन पेश किया. यह संशोधन 189 के मुकाबले 31 मत से गिर गया. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि हम बंगाल के नाम परिवर्तन के खिलाफ नहीं है. इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री के समय भी पश्चिम बंगाल का नाम ‘बांग्ला’ रखने का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन एक राज्य के दो नाम (अंग्रेजी में अलग और बांग्ला में अलग) नहीं हो सकते हैं. मेरा नाम सुजन चक्रवर्ती है. मुझे अंग्रेजी में गुड चक्रवर्ती नहीं बुलाया जा सकता है. बंगाल का भी एक ही नाम होना चाहिए.
जनमत संग्रह होना चाहिए : कांग्रेस : विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि नाम परिवर्तन पर इतिहासविदों और बुद्धिजीवियों के बीच चर्चा होनी चाहिए. इस पर जनमत संग्रह होना चाहिए. राज्य सरकार एक आयोग का गठन करे और उसके बाद फैसला ले.
केंद्र से प्रस्ताव पारित नहीं करने की मांग करूंगा : दिलीप घोष : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इस प्रस्ताव के माध्यम से बंगाल के विभाजन की स्मृति को मिटाने की कोशिश की जा रही है. मैं केंद्र सरकार से अपील करूंगा कि वह इस प्रस्ताव को पारित ना होने दें.
बाबुल ने जतायी प्रसन्नता
हल्दिया. पार्टी का रुख भले ही राज्य का नाम बदलने के खिलाफ हो, लेकिन भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य का नाम बदलकर बंगाल किये जाने के सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है. श्री सुप्रियो का कहना है कि बंगाल नाम से वह खुश हैं. हल्दिया में भाजपा के एक कार्यक्रम में उपस्थित श्री सुप्रिय ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य का नाम बंगाल होने पर वे खुश हैं. यदि ‘बंग’ होता तो वह दुखी होते. शुरू से वह राज्य का नाम बंगाल चाहते थे. फेसबुक में भी यही उन्होंने लिखा था. राज्य का नाम बांग्ला भाषा में बांग्ला और अंगरेजी में बंगाल होने से उनके लिए ही नहीं सभी के लिए बेहतर होगा. बांग्ला या बंगाल के नाम में एक अलग सी मधुरता है. इधर बाबुल सुप्रियो द्वारा पश्चिम बंगाल का नाम परिवर्तित किये जाने का समर्थन करने पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि बाबुल सुप्रियो को बंगाल की संस्कृति के संबंध में पता नहीं है. उन्होंने अधिकांश समय मुंबई में बिताया है इसलिए उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी व अन्य के प्रयासों के संबंध में पता नहीं है.
नाम परिवर्तन के फैसले का मानस ने किया स्वागत
कांग्रेस विधायक व पीएसी चेयरमैन मानस भुइंया ने राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का नाम परिवर्तन करने के फैसले का स्वागत किया है. इस संंबंध में विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को उन्होंने बताया कि हिंदी में बंगाल व बांग्ला भाषा में बांग्ला नाम लोगाें के लिए मान्य होगा और उन्होंने इस नाम का समर्थन किया. वहीं, नाम परिवर्तन का कांग्रेस द्वारा किये जा रहे विरोध के संबंध में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम यह नहीं था. अच्छी बातों का कांग्रेस समर्थन करती है.
विपक्ष में होने का मतलब यह नहीं है कि हम अच्छी बातों का भी विरोध करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी व विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के दंभ के कारण बंगाल में कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में आ गया है. उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव का समर्थन करते हैं.

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