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Thursday, March 28, 2024

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कृषि मंत्री ने की उद्योगपतियों-व्यवसायियों से अपील, बीज व कृषि यंत्र उत्पादन में करें निवेश

कोलकाता:राज्य के कृषि मंत्री पुर्णेंदु बोस ने उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों से बीज व कृषि यंत्र उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने की अपील की है. भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में श्री बोस ने कहा कि उच्चस्तरीय बीज की बहुत किल्लत है. पाट उत्पादन में पश्चिम बंगाल देश में नंबर वन है, […]

कोलकाता:राज्य के कृषि मंत्री पुर्णेंदु बोस ने उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों से बीज व कृषि यंत्र उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने की अपील की है. भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में श्री बोस ने कहा कि उच्चस्तरीय बीज की बहुत किल्लत है. पाट उत्पादन में पश्चिम बंगाल देश में नंबर वन है, पर बीज हमें आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों से मंगाना पड़ता है. यही हाल आलू का भी है. अच्छी क्वालिटी के आलू के बीज के लिए हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. इस क्षेत्र में अपार संभावना है. बंगाल में एक अनुमान के अनुसार बीज उद्योग 350-400 करोड़ रुपये के बीच का है.

सरकार चाहती है कि निजी कंपनियां बीज उद्योग में निवेश करें. यही हाल कृषि यंत्रों का है. तकनीक के इस जमाने में कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. नयी मशीनों का इस्तेमाल होने लगा है, पर अफसोस की बात है कि कृषि के काम में इस्तेमाल होने वाले यंत्र हमें दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है. इस स्थिति को बदलना होगा. हम लोगों ने हाल ही में एक कस्टम हाइरिंग सिस्टम आरंभ किया है, जिसके तहत किराये पर यंत्र उपलब्ध कराये जाते हैं. पर यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. उद्योग जगत से हमारा यह आह्वान है कि वह महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू करे. सरकार हर तरह की मदद के लिए तैयार है.

कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण एवं कोल्ड स्टोरेज के क्षेत्र में भी निवेश की अपार संभावना है. कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. संजीव चोपड़ा ने कहा कि राज्य में खेती एवं किसानों की हालत बदलने के लिए संस्थागत परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है. किसानों को उनके उत्पादन की सही कीमत दिलाने एवं उन्हें बिचौलियों से बचाने के लिए सहकारी समितियों की सहायता ली जा रही है.

कृषि क्षेत्र में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. प्रदीप कुमार मजुमदार ने कहा कि सरकार राज्य को सभी प्रकार के खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ी है. राज्य के 75 प्रतिशत किसानों की वार्षिक आमदनी पहले केवल 69 हजार थी, जो अब बढ़ कर एक लाख 69 हजार रुपये हो गयी है. उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए केवल जांचा- परखा आैर प्रमाणित बीच ही किसानों को उपलब्ध कराया जाये.

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