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रूपनारायणपुर: हड़ताल से पहले माकपा की रैली पर हमला, आज हड़ताल, हिंसा की आशंका

कोलकाता. बुधवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है. हड़ताल के दौरान राज्य में हिंसा की आशंका जतायी जा रही है. हड़ताल से पहले मंगलवार शाम को बर्दवान के रूपनारायणपुर में माकपा और तृणमूल समर्थकों में भिड़ंत हो गयी. माकपा हड़ताल का समर्थन कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ […]

कोलकाता. बुधवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है. हड़ताल के दौरान राज्य में हिंसा की आशंका जतायी जा रही है. हड़ताल से पहले मंगलवार शाम को बर्दवान के रूपनारायणपुर में माकपा और तृणमूल समर्थकों में भिड़ंत हो गयी. माकपा हड़ताल का समर्थन कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इसकेविरोध में उतर आयी है. गौरतलब है कि 15 सूत्री मांगों के समर्थन में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का एलान किया है.
राज्य सरकार ने कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए फरमान जारी किया है. राज्य सचिवालय ‘नवान्न भवन’ में काम करने वाले अधिकारियों को मंगलवार रात वहीं गुजारने का फरमान सुनाया गया है.
उधर, राज्य सीटू के अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती ने प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि यदि हड़ताल में किसी भी प्रकार की बाधा देने या आंदोलन में शामिल श्रमिकों पर दबाव बनाने की कोशिश की गयी तो इसका परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे. हड़ताल को लेकर मंगववार को प्रचार अभियान चलाया गया. बुधवार को भी 17 वामपंथी श्रमिक सं‍गठनों के नेता सड़क पर उतरेंगे और शांतिपूर्ण रूप से प्रचार करेंगे. रैली निकालेंगे तथा पथसभा करेंगे. हड़ताल को बीएमएस को छोड़ कर इंटक, एआइयूटीयूसी, एटक, यूटीयूसी आदि ने समर्थन किया है. कांग्रेस ने भी हड़ताल को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है. श्यामल चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार हड़ताल का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि भाजपा नीत केंद्र सरकार के साथ तृणमूल कांग्रेस की साठगांठ है.

सीटू नेता दीपक दासगुप्ता ने कहा कि 26 और 27 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व वाले मंत्री समूह और करीब 11 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच हड़ताल के संबंध में बैठक हुई थी. लेकिन केंद्र सरकार की पेशकश असंतोषजनक होेने के कारण भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर शेष 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का फैसला कायम रखा है. श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 15 हजार रुपये करने, ठेका मजदूरों को समकक्ष स्थायी और नियमित कर्मचारियों की तरह समान रूप से वेतन देने, श्रम कानून में संशोधन का िवरोध, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने समेत 15 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है.

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