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दो महीने से फांका कर रहे हुगली जूट मिल के श्रमिकों का टूट रहा है धैर्य, कहा भूखे मरने से अच्छा है, पुलिस की गोली से मर जायें

कोलकाता: खिदिरपुर के बीएनआर स्थित हुगली जूट मिल के श्रमिकों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. दो महीने से बंद मिल को खुलवाने की मांग को लेकर पर सोमवार को सैकड़ों श्रमिक कारखाने के बाहर धरना पर बैठ गये. साथ ही पथावरोध भी किया. श्रमिकों के आंदोलन में उनके परिवार के लोग भी […]

कोलकाता: खिदिरपुर के बीएनआर स्थित हुगली जूट मिल के श्रमिकों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. दो महीने से बंद मिल को खुलवाने की मांग को लेकर पर सोमवार को सैकड़ों श्रमिक कारखाने के बाहर धरना पर बैठ गये. साथ ही पथावरोध भी किया. श्रमिकों के आंदोलन में उनके परिवार के लोग भी साथ दे रहे हैं.
धरना दे रहे श्रमिकों ने कहा कि भूखे मरने से अच्छा है कि हम लोग कारखाने के सामने प्रदर्शन करते हुए पुलिस की गोली से मर जायें. हमें अब किसी बात का डर नहीं है. एक अन्य श्रमिक ने आरोप लगाया कि कारखाना बंद कराने में यूनियन के कुछ नेताओं का भी हाथ है, जो अपने फायदे के लिए मालिकों के साथ मिले हुए हैं. धरना-प्रदर्शन की खबर पाकर 80 नंबर वार्ड के पार्षद अनवर खान हुगली जूट मिल के मेन गेट पर पहुंचे और उन्होंने श्रमिकों व मिल मालिकों में से एक राघवेंद्र गुप्ता के साथ बातचीत की. पार्षद की कोशिश से सभी पक्ष एक बार फिर आपस में बातचीत करने पर राजी हो गये. श्री खान ने बताया कि सभी की रजामंदी से यह तय हुआ है कि मिल को दोबारा खुलवाने के मुद्दे पर मंगलवार दोपहर दो बजे डीसी पोर्ट डिवीजन के दफ्तर में बैठक होगी, जिसमें हुगली जूट मिल की सातों यूनियन के प्रतिनिधि, मिल प्रबंधन एवं वह खुद इसमें शामिल होंगे. श्री खान ने श्रमिकों को आश्वासन दिया है कि कारखाने को दोबारा खुलवाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि श्रमिकों की हालत बेहद खस्ता है. रमजान का महीना चल रहा है. ईद आने वाली है, उसके बाद दुर्गापूजा व दीवाली है. यहां लोगों को खाने के लाले पड़ रहे हैं, त्योहार कैसे मनायेंगे. श्री खान ने कहा कि अगर जल्द ही कारखाना नहीं खुला, तो स्थिति बेहद दयनीय हो जायेगी. मिल खुलवाने के लिए वह राज्य सरकार से भी हर प्रकार की सहायता प्राप्त करने की कोशिश करेंगे.
सात मई से बंद है मिल
हुगली जूट मिल सात मई से बंद है. मिल बंद होने के कारण लगभग 3000 श्रमिक दो महीने से बेरोगजार हैं. रोजगार का अन्य कोई साधन नहीं होने के कारण मजदूरों व उनके परिवारवालों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है. बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से परेशान होकर कुछ दिन पहले हुगली जूट मिल के एक श्रमिक ने खुदकुशी भी कर ली थी. मिल को दोबारा खुलवाने के मुद्दे पर अब तक तीन राउंड बैठक हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.
हर जूट मिल की चिमनी से धुआं निकलता देखना चाहते हैं मोदी : चंदन मित्रा
हुगली. राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता चंदन मित्रा ने सोमवार को तेलिनीपाड़ा के राजा बाजार स्थित भारतीय मजदूर संघ के कार्यालय में पहुंच कर विक्टोरिया जूट मिल के मजदूरों का हाल जानने की कोशिश की. उन्होंने मजदूरों को भरोसा देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल की हर जूट मिल की चिमनी से धुआं निकलता देखना चाहते हैं. इसलिए वह एक नयी जूट नीति पर काम कर रहे हैं. नयी जूट नीति के लागू होते ही जूट मिलों की समस्या खत्म होगी और किसानों और मजदूरों को रोजी-रोटी मिलेगी. उन्होंने जूट मिलों में तालाबंदी के लिए राज्य सरकार की नीति और मिल मालिकों की मनमानी को जिम्मेवार बताया. उन्होंने कहा : ऑर्डर की कृत्रिम कमी दिखा कर मिलों को बंद किया जा रहा है, ताकि कम दाम में किसानों से जूट खरीदा जा सके. उन्होंने उस आरोप को खारिज किया कि मोदी सरकार सिंथेटिक लॉबी को मजबूत कर रही है, जिससे जूट मिलें बंद हो रही हैं. मौके पर पार्षद पन्ना लाल साव, तंद्रा भट्टाचार्य, श्रीओम साहा, अशोक चौधरी आदि मौजूद रहे.

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