हम रिपोर्ट छिपाना नहीं चाहते हैं. उन्होंने सारधा चिटफंड कांड में गिरफ्तार परिवहन मंत्री मदन मित्र का बचाव करते हुए कहा कि केवल किसी प्रयोजित कार्यक्रम में जाने से कोई दोषी हो जाता है, तो कोई मंत्री, विधायक व सांसद किसी के कार्यक्रम में जा ही नहीं पायेगा. उन्होंने कहा कि सहारा ने भी क्रिकेट से लेकर फुटबॉल टीम को प्रायोजित किया था. इनमें खिलाड़ियों का क्या दोष या मीडिया ने चिटफंड के विज्ञापन छापे थे. उनका क्या दोष है. उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि राजनीतिक हित से ऊपर उठ कर जो भी दोषी है. उसके खिलाफ कार्रवाई हो. उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती बंगाल में 1990 में चिटफंड लेकर आये.
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पेंटिंग बिक्री के सवाल पर बिफरीं मुख्यमंत्री, विधायक को गिरफ्तार करवाने की दी धमकी
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को विधानसभा में उनकी पेंटिंग की बिक्री को लेकर सवाल किये जाने पर बिफर पड़ीं. उन्होंने माकपा विधायक शाहजहां चौधरी को गिरफ्तार कराने की धमकी दी. बनर्जी गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब दे रही थीं. उसी समय मंगलकोट के विधायक शाहजहां चौधरी ने […]
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को विधानसभा में उनकी पेंटिंग की बिक्री को लेकर सवाल किये जाने पर बिफर पड़ीं. उन्होंने माकपा विधायक शाहजहां चौधरी को गिरफ्तार कराने की धमकी दी. बनर्जी गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब दे रही थीं. उसी समय मंगलकोट के विधायक शाहजहां चौधरी ने बीच में टोकते हुए मुख्यमंत्री की पेंटिंग बिक्री को लेकर कटाक्ष किया. इस पर मुख्यमंत्री नाराज हो गयीं. उन्होंने विधायक को गिरफ्तार करवाने की धमकी तक दे दी.
ममता ने कहा कि वह अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाती हैं. उसकी राशि पार्टी फंड में जाती है. वह पुस्तक लिखती हैं. उसकी रॉयल्टी मिलती है. गाती हैं. राजनीतिक रूप से उन्हें अलग किया जा सकता है,लेकिन उनके अंदर के कलाकार को अकेला नहीं किया जा सकता है. व्यक्तिगत चरित्र हनन बहुत ही खराब है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंटिंग की बिक्री से मिली राशि उनके निजी खाते में नहीं गयी है. उन पर लगाया जा रहा आरोप कि पेंटिंग्स का पैसा उनके बैंक खाते में गया है, साबित हो जाता है तो वह पद छोड़ देंगी. उन्होंने साफ कहा कि वह चिटफंड का समर्थन नहीं करती हैं. इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था. केंद्र ने कुछ विशेष शर्त के बाद विधेयक को वापस भेज दिया. उन्होंने कहा है कि चिटफंड के पैसे से न तो पार्टी चलती है और न ही सरकार.
चिटफंड कंपनियों की निगरानी का दायित्व आरबीआइ और सेबी पर है. हमने 10 हजार रुपये जमा करने वाले पांच लाख परिवारों को पैसे वापस किये हैं. सरकार ने यह राशि लौटायी है. अब सेबी, आरबीआइ और सीबीआइ संपत्ति को कुर्क कर बाकियों के पैसे लौटाये. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि केवल 2009 के बाद से ही क्यों उसके पहले के चिटफंड पर चर्चा हो तथा अदालत में पीआइएल दाखिल किया जाये. उन्होंने कहा कि श्यामल सेन कमीशन का गठन किया गया था. उसने दो रिपोर्ट दी है. दूसरी रिपोर्ट में केवल चेयरमैन का हस्ताक्षर है. उसके कानूनी पहलू को लेकर संदेह है.
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