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सांसद की गिरफ्तारी पर भड़कीं ममता

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में अपने एक सांसद सृंजय बोस की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने मोदी सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और उन्हें (ममता) गिरफ्तार करने की चुनौती दे डाली. […]

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में अपने एक सांसद सृंजय बोस की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने मोदी सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और उन्हें (ममता) गिरफ्तार करने की चुनौती दे डाली.

नेताजी इंडोर स्टेडियम में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में ममता ने कहा कि उन्हें (केंद्र सरकार) मुङो जेल भेजने दीजिए, वह इसे देखेंगी कि वहां कितनी बड़ी जेल है. बैठक में पार्टी सांसद, विधायक और मंत्री भी शामिल हुए. तृणमूल सुप्रीमो का कहना था कि अगर हम पर प्रहार होता है, तो हम भी जवाब देंगे. हम सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हैं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भाजपा से नहीं डरें और भगवा पार्टी की साजिशों के खिलाफ एकजुट हों. गौरतलब है कि शुक्रवार को सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस सांसद सृंजय बोस को गिरफ्तार कर लिया. उन पर सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन से धन ऐंठने का आरोप है. इससे पहले सुदीप्त सेन और उनकी करीबी सहयोगी देबयानी मुखर्जी के अलावा तृणमूल से निलंबित सांसद कुणाल घोष, तृणमूल नेता व राज्य के पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार, इस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी देबब्रत सरकार सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने समन जारी किया है.

ममता ने केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की चुनौती दी और कहा कि वह उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती देती हैं. वह मतपत्रों के जरिये उसका जवाब देंगी. उन्होंने कहा: हम सत्ता के गुलाम नहीं हैं. हम सिर्फ लोगों के लिए काम करते हैं. हम अपने खिलाफ चुनिंदा तरीके से प्रतिशोध के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करेंगे. ममता ने कहा कि वे विरोध की सभी आवाजों को शांत करा देना चाहते हैं. वे उनसे भयभीत हैं, इसलिए वे साजिश में लगे हैं. राजनीतिक प्रतिशोध के खिलाफ उनकी लड़ाई शुरू हो गयी है. उनपर प्रहार किया गया है . वह राजनीतिक रूप से जवाब देंगी. नेताजी इंडोर स्टेडियम में विभिन्न जिलों से हजारों पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए थे. कुछ पार्टी कार्यकर्ता स्टेडियम के बाहर भी जमा थे. पार्टी सांसद सृंजय बोस की शुक्रवार को हुई गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए ममता ने दावा किया कि भाजपा वास्तव में उन्हें निशाना बना रही है क्यांेकि वह जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के मौके पर दिल्ली में कांग्रेस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों की एक सभा में शामिल होने के लिए मैं दिल्ली गयी, सिर्फ इसलिए उन्होंने हमारे एक सांसद को गिरफ्तार कर बदला लिया. वह इस चुनौती को स्वीकार करती हैं और धर्मनिरपेक्षता के लिए वह बार-बार ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होंगी. उनका कहना था कि उन्हें भाजपा से चरित्र प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है. भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ दंगों के कई मामले हैं, वे हम पर कैसे अंगुली उठा सकते हैं? वे धर्मनिरपेक्षता को समाप्त करना चाहते हैं. वे क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करना चाहते हैं. उनकी सरकार बढ़िया काम कर रही है, इसलिए उन्हें ईष्र्या हो रही है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां आती-जाती रहती हैं लेकिन लोकतंत्र और सरकारें हमेशा कायम रहेंगी. अन्य नेता चुप हैं क्यांेकि वे भयभीत हैं. लेकिन उन्हें किसी का डर नहीं है. उन्हें (ममता) चुप नहीं कराया जा सकता. मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश की बागडोर संभाल रहे व्यक्ति, कार्यभार संभालने के बाद पिछले छह महीनों के दौरान भारत में कितना समय बिताया है? ऐसा प्रतीत होता है कि उनका पता अब विदेश में है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा को 2जी जांच से हटाये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को वह सलाम करती हैं. सीबीआइ की विश्वसनीयता सामने आ गयी है. नरेंद्र मोदी के संबंध में ममता ने कहा कि उन्होंने एक योजना का नाम स्वच्छ भारत रखा है. पहले उन लोगों को एक स्वच्छ आदमी खोजना चाहिए. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उनकी पार्टी तुच्छ राजनीति में नहीं पड़ेगी और विकास के एजेंडा पर लोगों के लिए काम करती रहेगी.

उन्हें मुङो जेल भेजने दीजिए, मैं इसे देखूंगी. मैं देखूंगी कि वहां कितनी बड़ी जेल है. अगर हम पर प्रहार होता है, तो हम भी जवाब देंगे. मैं उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती देती हूं. हम मतपत्रों के जरिये उसका जवाब देंगे. हम अपने खिलाफ चुनिंदा तरीके से प्रतिशोध के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करेंगे.

– ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री (नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा)

सृंजय की गिरफ्तारी के उचित कारण होंगे : राज्यपाल

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस सांसद सृंजय बोस की गिरफ्तारी के एक दिन बाद राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा करने के लिए जांच एजेंसी के पास निश्चित ही ‘उचित कारण’ होंगे. राज्यपाल ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बोस की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर कहा ,एजेंसी (सीबीआइ) ने जब उन्हें ( सृंजय बोस) गिरफ्तार किया है तो उनके पास निश्चित ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर उचित कारण रहे होंगे. इसलिए फिलहाल इस पर कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. सीबीआइ ने शुक्रवार को सृंजय बोस को करोड़ों रुपये के सारधा पोंजी घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया.

सीबीआइ के एक प्रवक्ता ने बताया कि सृंजय बोस को सारधा रियल्टी मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्तता तथा आपराधिक साजिश, कोष में अनियमितता तथा अनुचित वित्तीय लाभ प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

सृंजय बोस को चार दिन के लिए सीबीआइ हिरासत में भेजा

अलीपुर कोर्ट ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद सृंजय बोस की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें चार दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया. राज्यसभा सदस्य बोस को सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार किया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रभारी) पी प्रधान ने सृंजय बोस को 26 नवंबर तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया.

कोर्ट ने किसी भी सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक से समय-समय पर बोस की मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया. सीबीआइ ने बोस की सात दिन की हिरासत मांगी थी. सृंजय बोस ने अदालत से कहा कि वह उच्च रक्तचाप और पीठ में दर्द की शिकायत से पीड़ित हैं और पुलिस हाजत में फर्श पर सोने में अक्षम हैं. उनके वकील अशोक मुखर्जी ने दलील दी कि आरोपी मधुमेह, उच्च रक्तचाप और स्पांडिलाइटिस जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं और उसकी बैरियाट्रिक सर्जरी हुई थी. उन्होंने आरोपी को उनके दावों के समर्थन में मेडिकल जांच के लिए सरकारी एसएसकेएम अस्पताल भेजने और अंतरिम जमानत देने की मांग की.

बातचीत करने की स्थिति में हैं मदन मित्रा : एसएसकेएम निदेशक

एसएसकेएम अस्पताल के निदेशक प्रदीप मित्रा ने शनिवार को कहा कि मेडिकल बोर्ड ने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया है कि परिवहन मंत्री मदन मित्रा बोलने की स्थिति में नहीं है. अगर उनसे पूछताछ की जाये तो वह बातचीत करने की स्थिति में हैं. निदेशक प्रदीप मित्रा ने साथ ही यह भी कहा कि वह इस बाबत कुछ भी स्पष्ट नहीं कह सकते कि परिवहन मंत्री सीबीआइ पूछताछ की सख्ती का सामना कर पायेंगे या नहीं.

एसएसकेएम के निदेशक ने कहा कि वह उनसे मिले हैं. विभिन्न मेडिकल परीक्षणों के कारण वह काफी थक चुके हैं. वह बोलने की स्थिति में तो हैं पर पूछताछ का तनाव ङोलना बहुत अलग बात है. प्रदीप मित्रा ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट मिल जाने के बाद सिर्फ डॉक्टर ही इस बाबत कुछ कह सकते हैं. गौरतलब है कि सांस लेने में तकलीफ के बाद मदन मित्रा को गुरुवार को एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया गया था. पहले परिवहन मंत्री बेल व्यू नर्सिग होम में भरती थे, लेकिन अचानक 20 नवंबर को वह नर्सिग होम छोड़ कर सरकारी अस्पताल एसएसकेएम में भरती हो गये. सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले में उन्हें समन जारी किया है.

नींद नहीं आ रही है परिवहन मंत्री को

राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को इन दिनों नींद नहीं आ रही है. उन्हें पीठ में टय़ूमर की शिकायत के कारण एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया गया है. चिकित्सकों ने मेडिकल जांच रिपोर्ट देखने के बाद खेल मंत्री के स्वास्थ्य को पहले से बेहतर बताया है. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि खेलमंत्री को नींद नहीं आने की समस्या देखी गयी है. इस रोग को स्लिपिंग एम्नेसिया कहा जाता है. रात में सोते वक्त बार-बार नींद टूट जाना इस रोग का लक्षण है. इस रोग के शिकार रोगी रात को बिस्तर से उठकर आस-पास चलने लगता है. सूत्रों के मुताबिक, मदन मित्रा शुक्रवार को चार से पांच बार नींद से जग गये. सोने के दौरान सांस लेने में दिक्कत होने से नींद टूट जाती है. चिकित्सकों के मुताबिक चिंता के कारण खेलमंत्री में यह समस्या देखी जा रही है. कब अस्पताल से छुट्टी मिलेगी, यह स्पष्ट नहीं किया गया है.

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