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मध्यमग्राम सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने 5 को दोषी करार दिया

कोलकाता: उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम की 16 वर्षीय लड़की से दो बार सामूहिक दुष्कर्म की घटना में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. बारासात के अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) शांतनु झा ने गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य आरोपी छोटू उर्फ संजीव तालकुदार, पलास देवनाथ, पापई राय, […]

कोलकाता: उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम की 16 वर्षीय लड़की से दो बार सामूहिक दुष्कर्म की घटना में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. बारासात के अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) शांतनु झा ने गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य आरोपी छोटू उर्फ संजीव तालकुदार, पलास देवनाथ, पापई राय, छोटू उर्फ राजेश मंडल और राजीव विश्वास उर्फ गोपाल को दोषी करार दिया. एक अन्य आरोपी एंथनी सी मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी गवाह बना गया था. अदालत शुक्रवार को दोषियों की सजा का एलान करेगी. पीड़िता को बाद में जला कर मार दिया गया था. इस मामले में दो लोग पकड़े गये थे. इसका फैसला आना बाकी है.

क्या है मामला
गौरतलब है कि पीड़िता बिहार के समस्तीपुर के बानदे गांव की रहने वाली थी. पढ़ाई के लिए कोलकाता आयी थी. मध्यमग्राम के पाटूली शिवतल्ला इलाके में किराये के मकान में मां-बाप के साथ रह रही थी. 25 अक्तूबर 2013 की रात मुख्य आरोपी छोटू तालुकदार अपहरण कर उसे केलाबगान इलाके में ले गया, जहां उसने अपने अन्य पांच साथियों के साथ लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया. सुबह पीड़िता किसी तरह घर लौटी. पेश से टैक्सी चालक उसके पिता ने 26 अक्तूबर को मध्यमग्राम थाने में बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी. इससे नाराज आरोपियों ने लड़की को जबरन दोबारा घर से उठा लिया और सूनसान जगह पर ले जाकर फिर गैंगरेप किया. अपराधियों का जुल्म यहीं नहीं थमा. वह लगातार परिवार को धमकाते रहे.

आजिज आकर पिता ने घर बदलना ही उचित समझा. मध्यमग्राम छोड़कर वह एयरपोर्ट के ढाई नंबर गेट के पास किराये का मकान लेकर परिवार के साथ रहने लगे. लेकिन दुख ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा. मकान मालिक का बेटा आरोपियों का दोस्त निकला. वह अपने एक अन्य साथी को लेकर पीड़ित परिवार को तंग करने लगा. पीड़िता को मकान मालिक व अन्य की आपत्तिजनक टिप्पणी सुननी पड़ रही थी. आरोप है कि छोटू तालुकदार के दो परिचितों ने 23 दिसंबर 2013 को लड़की की शरीर में आग लगा दी. उसे गंभीर हालत में आरजी कर अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां 31 दिसंबर को पीड़िता ने दम तोड़ दिया. दो बार सामूहिक गैंगरेप के सिलसिले में छोटू उर्फ संजीव तालकुदार, पलास देवनाथ, पापई राय, छोटू उर्फ राजेश मंडल और राजीव विश्वास उर्फ गोपाल व एंथनी सक्की को गिरफ्तार किया गया. इसी मामले में अदालत का फैसला आया है. लड़की को जलाने के सिलसिले में रतन शील और मिंटा शील को गिरफ्तार किया गया. बाद में इन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया.

अदालत की कार्रवाई में आयी तेजी : मंत्री
पश्चिम बंगाल की कानून राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षो में राज्य में अदालत की कार्रवाई में काफी तेजी आयी है. मामलों की सुनवाई त्वरित तरीके से की जा रही है, ताकि लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके. मध्यमग्राम में हुए सामूहिक दुष्कर्म व हत्या कांड में अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया है. इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यमग्राम कांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने हर संभव मदद की है. यही वजह है कि घटना के एक वर्ष के अंदर की मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला आया है. वहीं, बारासात के कामदुनी मामले व पार्क स्ट्रीट में हुए दुष्कर्म कांड के संबंध में उन्होंने कहा कि इन दोनों मामलों की सुनवाई भी जल्द पूरी होगी और दोषियों को सजा मिलेगी.

दोषी को मिले मौत की सजा : श्रीवास्तव
कोलकाता. एटक के प्रदेश सचिव व वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि देर से ही सही अदालत में सत्य सामने आ रहा है. मेरा मानना है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. उन लोगों को अदालत मौत की सजा दे, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घिनौनी शर्मनाक हरकत नहीं कर पाये, लेकिन इस पूरे मामले में वर्तमान सरकार का रवैया बहुत ही निराशाजनक रहा है. पीड़ित बालिका के परिवार को बंगाल छोड़ना पड़ा. बंगाल सरकार की ओर से कोई मदद नहीं दी गयी, जबकि इस मामले में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भूमिका सराहनीय रही थी. उन्होंने न केवल पीड़िता के परिवार को आश्रय दिया, वरन उनके पिता को एक लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी भी दी.

हाइकोर्ट ने आइपीएस दमयंती सेन को सौंपी थी जांच
पीड़िता के परिजनों ने राज्य प्रशासन की जांच से भरोसा खोकर कोलकाता उच्च न्यायालय से सीबीआइ जांच की मांग की. हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए आइपीएस महिला अधिकारी दमयंती सेन के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया. उधर, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित परिवार को मदद की. बिहार सरकार ने पीड़िता के पिता को बिहार पुलिस में चालक की नौकरी दी. आरोपियों को दोषी करार दिये जाने के बाद टैक्सी यूनियन नेता प्रमोद झा ने कहा कि परिजन और उन सभी का अदालत पर भरोसा है.

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