20.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

वेश्यावृति के लिए गोवा भेजी जा रहीं दार्जिलिंग व डुवार्स की लड़कियां

सिलीगुड़ी : गोवा में वेश्यावृत्ति का बाजार चरम पर है. यहां देश ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी लड़कियों को अच्छी नौकरी, अधिक पैसा कमाने का प्रलोभन देकर वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेला जाता है. महिलाओं व बच्चों की तस्करी की रोकथाम पर गोवा में कार्यरत एक एनजीओ अन्याय रहित जिंदगी अर्ज के एक सर्वे […]

सिलीगुड़ी : गोवा में वेश्यावृत्ति का बाजार चरम पर है. यहां देश ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी लड़कियों को अच्छी नौकरी, अधिक पैसा कमाने का प्रलोभन देकर वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेला जाता है. महिलाओं व बच्चों की तस्करी की रोकथाम पर गोवा में कार्यरत एक एनजीओ अन्याय रहित जिंदगी अर्ज के एक सर्वे रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किये गये हैं.

आज सिलीगुड़ी में एनजीओ ने मीडिया के सामने दावा किया है कि गोवा के वेश्यावृत्ति के बाजार में महाराष्ट्र की लड़कियों का दबदबा 28 फीसदी के साथ अव्वल नंबर पर है वहीं, गोवा खुद 13 फीसदी के साथ दूसरे एवं पश्चिम बंगाल व मणिपुर 11 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर हैं. यह दावा आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में अर्ज, दिल्ली की एनजीओ एफएक्सबी इंडिया सुरक्षा व पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत एनजीओ मार्ग के संयुक्त बैनर तले आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान अर्ज के निदेशक अरुण पांडेय ने मीडिया के सामने किया. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा पुलिस रिकॉर्ड की है.

पुलिस ने विभिन्न समयों पर राहत व बचाव अभियान चलाकर विभिन्न प्रांतों की लड़कियों व बच्चियों की जिंदगी नरक होने से बचाया है. श्री पांडेय ने बताया कि बंगाल से दार्जिलिंग जिले से सबसे अधिक लड़कियों व बच्चियों की स्पलाई गोवा में की जाती है. इनमें पार्वत्य क्षेत्र व तराई-डुवार्स के चाय बगानों की लड़कियां सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े सामने आने के बाद हमने इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं मार्ग, सिन्नी, कंचनजंघा उद्धार केंद्र, शक्ति वाहिनी जैसे कई संगठनों से सम्पर्क किया और पूरे क्षेत्र का दौरा किया.
श्री पांडेय ने कहा कि इस नरक में लड़कियों के फंसने की वजह परिवार की आर्थिक तंगी व चाय बगानों की बदहाल अवस्था है. तस्कर गिरोह बड़े शातिराने अंदाज में अच्छी नौकरी दिलाने या प्रेम जाल में फांसकर शादी का प्रलोभन देकर लड़कियों व मासूमों को गोवा जैसे अन्य बड़े शहरों में वेश्यावृति के लिए बेच देते है. जब-तक गिरोह पीड़िताओं के परिवारवालों को समय-समय पर पैसे भेजते हैं तब-तक सब ठीक रहता है. दो-चार महीने बीतते ही जब पैसे मिलने बंद हो जाते हैं तब परिजन चौंकने होते है और तब-तक उनकी लड़कियों से भी सम्पर्क नहीं रहता है. ऐसे मामलों में पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहती.
एनजीओ एफएक्सबी इंडिया सुरक्षा के प्रोग्राम मैनेजर सत्य प्रकाश ने भी मीडिया को बताया कि पहले भारत व विदेशों में नेपाल से सबसे अधिक लड़कियों की तस्करी की जाती थी लेकिन अब भारत सीमा पर एसएसबी की कड़ी चौकसी के कारण इस तस्करी पर काफी हद तक लगाम लगा है. इसी वजह से तस्कर गिरोहों ने भी शिकार करने का ठिकाना बदल लिया है.
दार्जिलिंग जिला समेत पूर्वोत्तर राज्य इन गिरोह के निशाने पर है और सिलीगुड़ी इनका ट्रांजिट प्वाइंट है. कारण यहां से न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) रेलवे स्टेशन व बागडोगरा एयरपोर्ट काफी नजदीक होने के कारण तस्करी करना काफी सहज व सुरक्षित भी है. मार्ग के महासचिव निर्णय जॉन छेत्री ने कहा कि केवल सेमिनार या जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने से ही इस अवैध गोरखधंधे पर लगाम नहीं लगाया जा सकता बल्कि, इसके लिए प्रशासन को सख्त कदम अख्तियार करना होगा. ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे. साथ ही लोगों को जागरुक होना होगा.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें