34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

मुकुल राय हुए बाहर, तृणमूल के महासचिव पद से हटाया गया

कोलकाता : मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से सियासी टकराव की गाज आखिरकार राज्यसभा सदस्य मुकुल राय पर गिर ही गयी. शनिवार को मुकुल को तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव पद से हटा दिया गया. इस प्रकार तृणमूल पार्टी के निर्णायक मंडल से अब मुकुल राय पूरी तरह बाहर हो चुके हैं. कुछ दिन पहले […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से सियासी टकराव की गाज आखिरकार राज्यसभा सदस्य मुकुल राय पर गिर ही गयी. शनिवार को मुकुल को तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव पद से हटा दिया गया. इस प्रकार तृणमूल पार्टी के निर्णायक मंडल से अब मुकुल राय पूरी तरह बाहर हो चुके हैं. कुछ दिन पहले ही महासचिव पद पर मुकुल राय के साथ नियुक्त गये सुब्रत बक्शी अब महासचिव पद की जिम्मेदारी अकेले ही संभालेंगे.

तृणमूल सुप्रीमो के कालीघाट स्थित आवास पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद पार्टी के राज्य महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि सुब्रत बक्शी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है. वह पार्टी के अकेले राष्ट्रीय महासचिव होंगे. सुब्रत बक्शी को चुनाव आयोग में तृणमूल का प्रतिनिधित्व करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि चुनाव आयोग से संबंधित पार्टी के सभी कार्यों को सुब्रत बक्शी संभालेंगे. पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी और सुलतान अहमद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.

सांसद काकोली घोष दस्तिदार, शुभेंदू अधिकारी, डेरेक ओ ब्रायन व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बनाया गया है. गौरतलब है कि राज्यसभा में तृणमूल के नेता पद से भी मुकुल राय को हटाकर उनके स्थान पर डेरेक ओ ब्रायन को यह जिम्मेदारी पहले ही सौंपी जा चुकी है. कालीघाट में हुई इस बैठक में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुकुल राय के बैठक में शामिल न होने के मुद्दे पर चर्चा हुई. उनके द्वारा भेजे गये अनुपस्थिति के पत्र को बैठक में सुब्रत बक्शी ने पढ़ कर सुनाया.
बताया जाता है कि मुकुल राय के चुनाव आयोग के साथ अकेले बातचीत करने से पार्टी चिंतित है. इससे पहले भी मुकुल राय ने खुद को कई बार पार्टी का संस्थापक महासचिव घोषित किया है. इधर, महासचिव पद से हटाये जाने के मुद्दे पर दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में मुकुल राय ने कहा कि यह फैसला करने का अधिकार पार्टी की चेयरपर्सन का है. यह फैसला सही है या गलत इसका फैसला समय ही कर सकेगा. आज पार्टी के 11 राज्यसभा सदस्य हैं. 34 लोकसभा सदस्य हैं. असम, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में भी पार्टी के विधायक हैं.
पश्चिम बंगाल के अधिकांश पंचायतों पर भी पार्टी का ही शासन हैं. लेकिन 1997 के 17 दिसंबर को जब पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के तहत उन्होंने पार्टी का गठन किया था, तब वह अकेले सदस्य थे. पार्टी की चेयरपर्सन भी तब तृणमूल की सदस्य नहीं थी. लेकिन उनके स्थान पर जो भी आये हैं उनकी क्षमताओं पर उन्हें भरोसा है. आशा है कि वह दल को आगे लेकर जायेंगे.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें