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कौमी एकता दल के सपा में विलय से कोई नाराजगी नहीं : अखिलेश

लखनऊ : माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की मौजूदगी वाले कौमी एकता दल (कौएद) के सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय से नाराज बताये जा रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का अंदरुनी मामला है और इसे लेकर सपा में कोई नाराजगी नहीं है. मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक […]

लखनऊ : माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की मौजूदगी वाले कौमी एकता दल (कौएद) के सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय से नाराज बताये जा रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का अंदरुनी मामला है और इसे लेकर सपा में कोई नाराजगी नहीं है. मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा ‘कौमी एकता दल के विलय को लेकर कहीं कोई नाराजगी नहीं है. मीडिया को बस बहस का मौका मिलना चाहिये. यह हमारी पार्टी के अंदर की बात है और पार्टी जो फैसला करेगी, मैं समझता हूं कि उसे सब मानेंगे. विलय का निर्णय हमारी पार्टी का अपना निर्णय है.’

मालूम हो कि कौएद के सपा में विलय के फौरन बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ काबीना मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त कर दिया था. माना जा रहा था कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल की अगुवाई वाली पार्टी के सपा में विलय में भूमिका निभाने की वजह से मुख्यमंत्री ने नाराज होकर यह कार्रवाई की थी. कौएद के सपा में विलय को लेकर पार्टी के भीतर गहरे मतभेदों की खबरों के बीच कल वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भी कहा था कि पार्टी में सबकुछ ठीक है.

अखिलेश ने बुधवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से बगावत करने वाले पार्टी महासचिव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या की तारीफ करते हुए उन्हें मजबूत नेता बताया. उन्होंने कहा ‘यह अच्छी बात है कि मौर्य जी ने बसपा छोड दी। अब वह कहां जाएंगे. लेकिन कम से कम मौर्या जी एक मजबूत नेता हैं. हमारे और उनके कितने अच्छे सम्बन्ध हैं यह तो आप जानते ही हैं. हमने सदन में सभी विधायकों के सामने कहा था कि मौर्या जी अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन गलत दल में है. वह बात अब साफ हो गयी है.’

बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार किये जाने वाले मौर्या के बसपा छोडने के बाद सपा में शामिल होने की अटकलें जोरों पर हैं. मौर्य के बसपा छोडने के बाद उनके सपा से रिश्ते जोडने वाली बसपा मुखिया मायावती के परिवारवाद सम्बन्धी आरोपों पर अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा ‘मैंने हर पत्रकार साथी से कहा है कि जब भी उनका (मायावती) नाम लिया करो तो बडे सम्मान से बुआ जी कहा करो.

उन्होंने सपा में बच्चों के बच्चे और फिर उनके बच्चों के बच्चे के राजनीति करने की बात कही है. हमारे बच्चे तो बहुत छोटे हैं. उनके इस स्थिति में आने में अभी 12-15 साल लगेंगे. तब तक क्या परिवर्तन होगा, कौन जाने.’ अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव बडा चुनाव है. हर दल कोशिश कर रहा है कि उसे जनता का समर्थन मिले. समाजवादी सरकार जनता की भावनाओं और भरोसे पर खरी उतरी है.

जब हम चुनाव में जा रहे हैं तो विरोधी लोग तो कोशिश करेंगे ही कि हम दोबारा सत्ता में नहीं आये. जिनके पास विकास का कोई मुद्दा नहीं है वह तो हमें घेरेंगे ही. विधानसभा की दीवारों पर भी नारे लिखे हैं. उन्होंने बदायूं में कल रात बदमाशों की गोली का निशाना बने शहीद दारोगा सर्वेश यादव के परिजन की मदद करने की बात भी कही.

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