38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अखिलेश की मौजुदगी में मुलायम को डॉक्टरेट की उपाधि

।।लखनऊ से राजेन्द्र कुमार।। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव( 74 वर्ष) को 30 सितंबर का दिन हमेशा याद रहेगा. इसकी तमाम वजहें है. पहली वजह तो यही है कि बसपा प्रमुख मायावती ने चार साल पहले जिस डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का उदघाटन किया था, उसी विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत […]

।।लखनऊ से राजेन्द्र कुमार।।
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव( 74 वर्ष) को 30 सितंबर का दिन हमेशा याद रहेगा. इसकी तमाम वजहें है. पहली वजह तो यही है कि बसपा प्रमुख मायावती ने चार साल पहले जिस डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का उदघाटन किया था, उसी विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में मुलायम सिंह यादव को डीलिट की उपाधि से नवाजा गया. दूसरी वजह यह है कि जब मुलायम सिंह को यह सम्मान दिया जा रहा था, तब उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव भी मंच पर मौजूद थे. राज्यपाल राम नाईक ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को मानद उपाधि से सम्मानित किया.
बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र की मां डा. शकुन्तला मिश्रा के नाम से मायावती द्वारा शुरू की गई इस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल राम नाईक के के हाथों से मिली उपाधि ने मुलायम सिंह के चेहरे पर मुस्कान ला दी. उन्हें खुश देख सम्मेलन में आए तमाम राजनीतिक लोगों ने अपने-अपने तरीके से मतलब निकाले.
कुछ लोगों ने मुलायम सिंह की खुशी को अपनी खुशी समझकर देर तक ताली बजायी तो कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूनिवर्सिटी की जनरल काउंसिल के चैयरमैन की हैसियत से मुलायम सिंह को इस उपाधि से नवाजे जाने में अहम भूमिका निभायी है. परन्तु ऐसी बतकही पर राज्यपाल राम नाईक ने ध्यान नहीं दिया और उन्होंने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की दिलखोल कर तारीफ की. उन्होंने मुलायम सिंह यादव को हनुमान सरीखा संघर्षशील व्यक्ति बताया. यह भी कहा कि मुलायम सिंह मुझसे करीब पांच साल छोटे हैं और मेरे भाई की तरह हैं. राज्यपाल के अनुसार आठ बार विधानसभा और छह बार लोकसभा चुनाव जीत कर मुलायम सिंह ने साबित किया है कि वह हनुमान की तरह पराक्रमी हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे राज्यपाल राम नाईक के संबोधन को बहुत ध्यान से सुनने के बाद मुख्य अतिथि की हैसियत से इस कार्यक्रम में शामिल हुए मुलायम सिंह ने अपने संबोधन में साप्रदायिक ताकतों के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज करने की बात कही. मुलायम के अनुसार वह सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे. ‍
चाहे कोई साथ दे या ना दे वह अपना यह संघर्ष जारी रखेंगे. यह दावा करते हुए मुलायम सिंह ने यह स्वीकार किया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने सांप्रदायिकता के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ दिया था. परन्तु मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपने संबोधन में ऐसा कुछ नहीं कहा. मेधावी छात्रों को मेडल देकर मुख्यमंत्री ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
इस दीक्षांत समारोह में 633 छात्रों को पांच शैक्षिक सत्र के लिए डिग्री दी गई. 43 मेधावी छात्रों को 77 मेडल राज्यपाल रामनाईक की तरफ से दिए गए. 37 गोल्ड मेडल, 20 सिल्वर मेडल व 20 ब्रांज मेडल मेधावी छात्रों को वितरित किए गए. इसमें 27 कुलाध्यक्ष मेडल, 33 मुख्यमंत्री मेडल, छह कुलपति मेडल, दो मुलायम सिंह यादव गोल्ड मेडल और नौ डॉ. शकुंतला मिश्रा गोल्ड मेडल शामिल थे. दीक्षांत समारोह में साल 2013-14 का मुलायम सिंह यादव गोल्ड मेडल प्रिंस मौर्या को मिला. साल 2013-14 का अखिलेश यादव गोल्ड मेडल सुरभि को दिया गया. सिल्वर मेडल मल्लिका और ब्रॉन्ज मेडल राज त्रिपाठी को मिला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें