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सावधान ! जंक फूड बिगाड़ सकता है आपकी सेहत

सुपौल : शहरीकरण का दौर है और इस दौर में जिंदगी व्यस्त हो चली है. वही व्यस्ततम जिंदगी के बीच जंक फूड का सेवन आम बात हो गयी है. लेकिन इससे मोटापा, कब्ज, गैस आदि समस्याएं बढ़ गयी हैं. नतीजा है कि हृदय, लिवर व हड्डी रोग की समस्या भी लोगों में बढ़ चुकी है. […]

सुपौल : शहरीकरण का दौर है और इस दौर में जिंदगी व्यस्त हो चली है. वही व्यस्ततम जिंदगी के बीच जंक फूड का सेवन आम बात हो गयी है. लेकिन इससे मोटापा, कब्ज, गैस आदि समस्याएं बढ़ गयी हैं. नतीजा है कि हृदय, लिवर व हड्डी रोग की समस्या भी लोगों में बढ़ चुकी है. डॉक्टर हमेशा हेल्दी फूड लेने की सलाह देते हैं, जबकि हॉस्पिटल के डायट चार्ट का रोज पालन करना संभव नहीं है. जंक फूड के शौकीन लोगों के लिए रोज एक जैसा भोजन देने पर यह उन्हें डिप्रेशन में लाने जैसा है.

यदि केक, चिप्स, बर्गर, नूडल्स, पास्ता, चॉकलेट, कॉफी इत्यादि के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प उपलब्ध हों, तो किशोरावस्था स्वस्थ होगा. यहां प्रस्तुत है कुछ ऐसी ही रेसिपीज, जो करेंगे आपका स्वास्थ्य वर्धन.

कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय फ्रूट जूस को चुने : वह एक दौर था, जब मेहमान का स्वागत शरबत से हुआ करता था. लेकिन आधुनिकता के दौर में शरबत बनाने की किसी को फुरसत नहीं तो कोल्ड ड्रिंक्स धड़ल्ले से पिया और पिलाया जा रहा है. विशेष तौर पर बच्चे व किशोर के लिए कोल्ड ड्रिंक्स पीना आम बात है और अब तो बड़े-बुजुर्ग भी मजबूरन ही सही कोल्ड ड्रिंक्स का स्वाद ले ही लेते हैं.
हालांकि कोल्ड ड्रिंक्स के शौकीनों को यह जान लेना चाहिए कि यह काबोर्नेटेड पेय पदार्थ होता है, जो हड्डियों व शरीर के लिए नुकसान देह है. ऐसे में कोशिश करें कि जब भी ठंडा पीने की ललक हो, तो फलों का जूस या नारियल पानी आजमाएं. यह प्यास बुझाने के साथ ही स्वास्थ्य के अनुकूल भी होगा. अनन्नास, नारंगी, मौसमी, पपीता, मैंगोशेक, मिक्सफ्रूट जूस ज्यादा फायदेमंद होते हैं.
बर्गर को करें ना, मल्टीग्रेन सैंडविच का करें प्रयोग : डीप फ्राइ किये हुए पोटैटो के साथ चीज, क्रीम, डिब्बा बंद सॉस के साथ लपेटा हुआ बर्गर दिखने में लुभावना जरूर होता है. लेकिन हकीकत यह है कि इनमें सेचुरेटेड फैट काफी अधिक होते हैं. इनसे मोटापा, हृदयरोग, ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं बढ़ती हैं. इसकी जगह मल्टीग्रेन सैंडविच बेहतर विकल्प है. ब्राउन ब्रेड से बना यह सैंडविच फ्रेश वेजिटेबल, होम मेड चटनी, काली मिर्च नमक के स्वाद के साथ आता है.
पास्ता नहीं, होल व्हीट पास्ता : रेडी-टू-इट पास्ता में अनहाइजेनिक प्रिजरवेटिव सॉस का प्रयोग होता है. जिससे कब्ज, गैस, मोटापा, संक्रमण व अन्य रोग होते हैं. मौजूद दौर में यह सभी लोगों में आम बीमारी है. लेकिन जानकार बताते हैं कि इस प्रकार के छोटे-छोटे रोग ही कई बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं. ऐसे में इसकी जगह होल व्हीट पास्ता का प्रयोग बेहतर है. यह क्रीम, डिब्बा बंद सॉस में बनने की जगह ताजा टमाटर से पकाया जाता है. यह पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है.
पोटैटो चिप्स की जगह हो पापड़ का प्रयोग : नमकीन स्नैक्स जैसे-चिप्स, कुरकुरे इत्यादि खाने की तीव्र इच्छा होना, शरीर में पोटैशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं. पैक्ड फूड खाने में जितने आसान होते हैं, उनमें पाये जाने वाले फैट उतनी ही मुश्किल से पचते हैं. ऐसे में इस प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन आपके पेट के लिए हानिकारक हो सकते हैं. वही इससे लीवर की बीमारियां भी होने की संभावना रहती है. इसकी जगह घर में सेंके हुए मसाला पापड़ दिये जा सकते हैं. पापड़ में सबसे अधिक बेहतरीन चीज हींग,
आजवाइन, मंगरैल और काला नमक जैसे प्राकृतिक चीजों का प्रयोग होता है, जो पेट के लिए काफी बेहतर होता है. पापड़ के ऊपर महीन कतरी गयी, टमाटर, प्याज, हरीमिर्च, धनिया पत्ती व चाट मसाला से सजा कर परोसा व खाया जाये, तो यह रेसिपी पैकेटवाले नमकीन स्नैक्स से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट और लाभप्रद होगी.सुपौल : शहरीकरण का दौर है और इस दौर में जिंदगी व्यस्त हो चली है. वही व्यस्ततम जिंदगी के बीच जंक फूड का सेवन आम बात हो गयी है. लेकिन इससे मोटापा, कब्ज, गैस आदि समस्याएं बढ़ गयी हैं. नतीजा है कि हृदय, लिवर व हड्डी रोग की समस्या भी लोगों में बढ़ चुकी है.
डॉक्टर हमेशा हेल्दी फूड लेने की सलाह देते हैं, जबकि हॉस्पिटल के डायट चार्ट का रोज पालन करना संभव नहीं है. जंक फूड के शौकीन लोगों के लिए रोज एक जैसा भोजन देने पर यह उन्हें डिप्रेशन में लाने जैसा है. यदि केक, चिप्स, बर्गर, नूडल्स, पास्ता, चॉकलेट, कॉफी इत्यादि के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प उपलब्ध हों, तो किशोरावस्था स्वस्थ होगा. यहां प्रस्तुत है कुछ ऐसी ही रेसिपीज, जो करेंगे आपका स्वास्थ्य वर्धन.
कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय फ्रूट जूस को चुने : वह एक दौर था, जब मेहमान का स्वागत शरबत से हुआ करता था. लेकिन आधुनिकता के दौर में शरबत बनाने की किसी को फुरसत नहीं तो कोल्ड ड्रिंक्स धड़ल्ले से पिया और पिलाया जा रहा है. विशेष तौर पर बच्चे व किशोर के लिए कोल्ड ड्रिंक्स पीना आम बात है और अब तो बड़े-बुजुर्ग भी मजबूरन ही सही कोल्ड ड्रिंक्स का स्वाद ले ही लेते हैं. हालांकि कोल्ड ड्रिंक्स के शौकीनों को यह जान लेना चाहिए कि यह काबोर्नेटेड पेय पदार्थ होता है,
जो हड्डियों व शरीर के लिए नुकसान देह है. ऐसे में कोशिश करें कि जब भी ठंडा पीने की ललक हो, तो फलों का जूस या नारियल पानी आजमाएं. यह प्यास बुझाने के साथ ही स्वास्थ्य के अनुकूल भी होगा. अनन्नास, नारंगी, मौसमी, पपीता, मैंगोशेक, मिक्सफ्रूट जूस ज्यादा फायदेमंद होते हैं.
बर्गर को करें ना, मल्टीग्रेन सैंडविच का करें प्रयोग : डीप फ्राइ किये हुए पोटैटो के साथ चीज, क्रीम, डिब्बा बंद सॉस के साथ लपेटा हुआ बर्गर दिखने में लुभावना जरूर होता है. लेकिन हकीकत यह है कि इनमें सेचुरेटेड फैट काफी अधिक होते हैं. इनसे मोटापा, हृदयरोग, ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं बढ़ती हैं. इसकी जगह मल्टीग्रेन सैंडविच बेहतर विकल्प है. ब्राउन ब्रेड से बना यह सैंडविच फ्रेश वेजिटेबल, होम मेड चटनी, काली मिर्च नमक के स्वाद के साथ आता है.
पास्ता नहीं, होल व्हीट पास्ता : रेडी-टू-इट पास्ता में अनहाइजेनिक प्रिजरवेटिव सॉस का प्रयोग होता है. जिससे कब्ज, गैस, मोटापा, संक्रमण व अन्य रोग होते हैं. मौजूद दौर में यह सभी लोगों में आम बीमारी है. लेकिन जानकार बताते हैं कि इस प्रकार के छोटे-छोटे रोग ही कई बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं. ऐसे में इसकी जगह होल व्हीट पास्ता का प्रयोग बेहतर है. यह क्रीम, डिब्बा बंद सॉस में बनने की जगह ताजा टमाटर से पकाया जाता है. यह पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है.
पोटैटो चिप्स की जगह हो पापड़ का प्रयोग : नमकीन स्नैक्स जैसे-चिप्स, कुरकुरे इत्यादि खाने की तीव्र इच्छा होना, शरीर में पोटैशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं. पैक्ड फूड खाने में जितने आसान होते हैं, उनमें पाये जाने वाले फैट उतनी ही मुश्किल से पचते हैं. ऐसे में इस प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन आपके पेट के लिए हानिकारक हो सकते हैं. वही इससे लीवर की बीमारियां भी होने की संभावना रहती है. इसकी जगह घर में सेंके हुए मसाला पापड़ दिये जा सकते हैं. पापड़ में सबसे अधिक बेहतरीन चीज हींग, आजवाइन, मंगरैल और काला नमक जैसे प्राकृतिक चीजों का प्रयोग होता है, जो पेट के लिए काफी बेहतर होता है
. पापड़ के ऊपर महीन कतरी गयी, टमाटर, प्याज, हरीमिर्च, धनिया पत्ती व चाट मसाला से सजा कर परोसा व खाया जाये, तो यह रेसिपी पैकेटवाले नमकीन स्नैक्स से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट और लाभप्रद होगी.
आम तौर पर किसी भी शुभ घड़ी में मीठा का विशेष महत्व है. कहते हैं कि खुशियां बांटने का सबसे बेहतर तरीका मीठा बांटना ही है. यही कारण है कि हाल के दिनों में जब भी कोई किसी के घर मेहमान के रूप में भी जाता है, न मिठाई तो चॉकलेट जरूर साथ लाता है. कई बच्चे डार्क चॉकलेट खाने के शौकीन होते हैं. वे इसे रोज खाते हैं. लेकिन अभिभावकों को इसमें सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि इन चॉकलेटों में पाये जानेवाले कोकोया व फैट बीपी, मोटापा व अन्य रोगों को बढ़ावा देते हैं. इसकी जगह कस्टर्ड, खीर पुडिंग शेक इत्यादि का प्रयोग हो सकता है. वही घर की बनी ताजी मिठाइयों में नट्स मिला दें, तो ये अधिक फायदेमंद होते हैं.
नूडल्स की जगह सेवई मसाला
नूडल्स का विकल्प सेवई है. सेवइयों को नूडल्स की भांति बनाएं. लंबी-पतली कटी शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, पत्तागोभी के साथ मिला कर नये अंदाजवाला मसाला सेवई का टेस्ट नूडल्स से कम नहीं होगा. जानकारों की मानें तो नूडल्स व पास्ता जैसे जंक फूड में फैट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. वही सेवई का प्रयोग कर पुलाव, सेवई मसाला, सेवई खीर आदि बनाया जा सकता है. यह अपेक्षाकृत स्वास्थ्य के लिए बेहतर भी होता है.
कहते हैं कि अंग्रेज चले गये, लेकिन अंग्रेजियत नहीं गयी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण चाय का बढ़ता क्रेज है. गांव हो या शहर, शायद ही कोई ऐसी जगह होगी, जहां चाय की दुकान न हो. अक्सर घर में लोगों के दिन की शुरुआत भी चाय से ही होती है. वही घर आने वाले हर मेहमान का स्वागत भी चाय से ही किया जाता है. जानकार बताते हैं कि एक दौर में शरबत ही स्वागत का माध्यम हुआ करती थी. लेकिन जब देश में ब्रिटिश राज आया तो चाय की चुस्की पहले रईस और अब आम आदमी तक के गले उतरने लगी है. अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि कई बार बिना चाय के लोगों की आंख तक नहीं खुलती है.
लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार चाय में पाया जाना वाला निकाटीन भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. चाय का नियमित और अधिक सेवन होने से लोगों में एक प्रकार का नशा भी होने लगता है. यह भूख को खत्म कर देता है और पेट संबंधी बीमारी सहित सिर दर्द जैसे रोगों का कारण बनता है. इसी प्रकार कॉफी का अत्यधिक व नियमित प्रयोग भी लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में चाय कॉफी की जगह सत्तू शेक, छाछ, लस्सी, ग्रीन टी, नीबू पानी इत्यादि लेना बेहतर होता है. सुबह की शुरुआत ग्रीन टी, सत्तू या दूध से करें तो श्रेयस्कर है.

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