यू ट्यूब में ‘द स्टोरी टेलर’ नाम की सीरीज है. इसमें लोग अपनी जिंदगी के रुचिकर किस्सों को सुनाते हैं. इसके एक एपिसोड में दिल्ली के कॉलेज की एक लड़की ने किस्सा सुनाया. उसने बताया कि एक दिन वह कॉलेज से निकल कर बाहर खड़े एक ऑटो में बैठ गयी और कहा, ‘भैया, साकेत चलो.’ जब अॉटो चालू हुआ, तो उसने ध्यान से ऑटो को देखा. इसका डिजाइन थोड़ा अलग था. भीतर से ऑरेंज रंग से पुता हुआ था. इसमें हर तरफ हॉलीवुड के सिंगर्स के पोस्टर लगे थे. उसने सोचा कि यह पहला ऑटो देखा, जिसमें दिव्या भारती या करीना कपूर का दुल्हन की ड्रेस में फोटो नहीं लगा. कुछ देर बाद अॉटो में गाना बजना शुरू हुआ.
वह भी इंगलिश गाना था. अब ये सुन कर वह बहुत इम्प्रेस हो गयी. उसने ऑटोवाले से पूछा, ये गाना आपको पसंद है? ऑटोवाले ने इंगलिश में जवाब दिया. उसने बताया कि उसे और कौन-कौन से इंगलिश गाने पसंद हैं. लड़की ने उसे फर्राटेदार अंगरेजी बोलते देख कहा, आप इतनी अच्छी अंगरेजी बोलते हैं, अंगरेजी गाने सुनते हो, तो ऑटो क्यों चलाते हो? ऑटोवाले ने कहा, यह मेरी मर्जी है. अब लड़की को अपने सवाल पर शर्मिंदगी हुई. थोड़ी देर बाद ऑटोवाले ने कहा- मेरे पिताजी ऑटो ड्राइवर हैं. उन्होंने मेरे स्कूल, कॉलेज हर चीज की पढ़ाई ऑटो चला कर कर पूरी करवायी है. मुझे सारी सुविधा दी. किसी दिन छुट्टी नहीं ली. लगातार ऑटो चलाया. अब जबकि मैं एक बड़ी कंपनी में काम करता हूं, उन्हें सारी सुविधाएं दे रहा हूं, वे अब भी अपना खर्च खुद उठाना चाहते हैं. अपने आत्मसम्मान के लिए ऑटो चलाते हैं. मैं चाहता हूं कि वो एक दिन छुट्टी लिया करें, इसलिए हफ्ते में एक दिन मैं उनका ऑटो चलाता हूं.
दोस्तों, क्या हम अपने माता-पिता को ऐसे एक दिन का आराम दे सकते हैं?daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in