दक्षा वैदकर
ब्रिटिश एयरवेज का एक विज्ञापन मैंने फेसबुक पर देखा. इसमें हेलेना नाम की एक एयरहोस्टेस को दिखाया गया है, जो बताती है कि जब उसे इंडिया वाले सेक्शन में रखा गया, तो वह थोड़ी चिंतित थी कि वहां इतनी सारी भाषाएं हैं, तरह-तरह के लोग हैं, वह कैसे हैंडल करेगी. लेकिन एक दिन उसने फ्लाइट में एक साउथ इंडियन बुजुर्ग महिला को देखा.
सीट बेल्ट बांधने के लिए संघर्ष कर रही इस महिला की उसने मदद की. इसके बाद जब वह झुक कर पैर में मोजे नहीं पहन पा रही थी, तब भी एयरहोस्टेस हेलेना ने खुद उसे पैरों में मोजे पहनाये. जब वह मोजे पहना कर उठने लगी, तो बुजुर्ग महिला ने उसे रोका और उसके बालों में तिरछी लगी हेयर पिन को निकाल कर, बालों को फिर से संवार कर, उसे लगाया.
इसके बाद रात हो गयी. जब पूरे प्लेन में सभी सो गये और हेलेना उस महिला के पास से गुजरी, तो उसने देखा कि उसकी आंखों में आंसू हैं. हेलेना ने वजह पूछी, तो महिला ने बताया कि उसे अपने बेटे की याद आ रही है. वह दूर रहता है. हेलेना ने उन्हें समझाया कि बेटे की मजबूरी होगी. वह भी आपको उतना ही याद करता होगा, जितनी आप.
उसने महिला का मूड ठीक करने के लिए मूवी लगा कर दी और कहा कि आप मूवी देखो, मैं चाय ले कर आती हूं. जब वह आयी, तो महिला मूवी देखते-देखते सो चुकी थी. उसने हेडफोन उनके कानों से निकाला और चादर ओढ़ा कर उन्हें सुला दिया.
सुबह जब सभी पैसेंजर्स जाने लगे, तो महिला ने हेलेना को अपना कार्ड दिया और कहा कि कल तुम शहर में ही हो, तो प्लीज मेरे घर आओ, कल हमारा त्योहार है. महिला की आंखों की चमक और मुस्कुराहट देख हेलेना खुद को रोक नहीं पायी.
वह दूसरे दिन उनके घर गयी. उसने किचन में महिला के साथ मिल कर खाना बनाया. उनकी स्टूडेंट्स का क्लासिकल डांस देखा और पूरे दिन बहुत अच्छा समय बिताया. वापस जाते वक्त महिला ने उसे एक रुमाल गिफ्ट किया, जिसमें कढ़ाई कर के एक एयरहोस्टेस का चित्र बना था, ऊपर प्लेन उड़ रहा है. पास में लिखा था हेलेना. हेलेना भावुक हो गयी. अब उसे इंडिया आना पसंद है.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– यह विज्ञापन बताता है कि दुनिया में हर जगह अच्छे लोग हैं. आपको उनसे बात करने के लिए भाषा जानने की जरूरत नहीं, बस प्यार होना चाहिए.
– आप लोगों को बिना किसी स्वार्थ के प्यार देंगे, उनके आगे बढ़ कर मदद करेंगे, तो वे भी आपको बदले में प्यार ही देंगे. जैसा दोगे, वैसा पाओगे.