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अपना आत्मविश्वास कभी कम न होने दें

दक्षा वैदकर बीते दिनों जब ‘दिल धड़कने दो’ फिल्म रिलीज हुई, तो शनिवार की शाम हम सभी ऑफिस के साथियों ने प्लान बनाया कि कल (रविवार) की मीटिंग आज रात को ही कर लेते हैं और सुबह 10.30 बजे का शो देखने जायेंगे. हमने मल्टीप्लेक्स में फोन लगाया और 12 लोगों के टिकट बुक किये. […]

दक्षा वैदकर

बीते दिनों जब ‘दिल धड़कने दो’ फिल्म रिलीज हुई, तो शनिवार की शाम हम सभी ऑफिस के साथियों ने प्लान बनाया कि कल (रविवार) की मीटिंग आज रात को ही कर लेते हैं और सुबह 10.30 बजे का शो देखने जायेंगे. हमने मल्टीप्लेक्स में फोन लगाया और 12 लोगों के टिकट बुक किये. मैनेजर ने कहा कि आप लोग अभी टिकट कलेक्ट कर लेंगे, तो बेहतर रहेगा. बस फिर क्या था, मैं अपने एक साथी को लेकर मल्टीप्लेक्स पहुंच गयी. इत्तेफाक से उस दिन मैंने सिर पर बहुत तेल लगाया था और दिनभर काम करने की वजह से मेरा ढीली-ढाला कुर्ता और खराब दिखने लगा था.

हम ट्रैफिक से जूझते हुए मॉल पहुंचे और मल्टीप्लेक्स की खिड़की पर लाइन में लग गये. तभी मेरे पास एक सुंदर-सी लड़की अपने दोस्त के साथ आ कर खड़ी हुई. मैंने एक नजर देखा और अपने काम में लग गयी. टिकट लेने के बाद मेरे साथी ने कहा- कुछ लोग अपने आप को कुछ ज्यादा ही सुंदर समझते हैं और दूसरों को तुच्छ. मैंने पूछा – क्या हुआ? उसने बताया- वह जो लड़की आपके पास आ कर खड़ी हुई थी, वह आपको ऊपर से नीचे तक एकदम तुच्छ नजरों से देख रही थी और अजीब चेहरे बना रही थी. मानो वह बहुत सुंदर व अमीर हो और हम गरीब व बदसूरत. मुङो साथी की बात पर हंसी आ गयी. मैंने उसे कहा- यह सच है कि वह सुंदर दिख रही थी और मैं खराब दिख रही थी. इसमें बुरा मानने जैसी क्या बात है? और वैसे भी उसे थोड़े ही पता है कि आज मैंने कितना काम किया है, ट्रैफिक से परेशान हो कर, भाग-भाग कर हम आये हैं, इसलिए पसीने से नहा चुके हैं.

मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देती, क्योंकि मुङो पता है कि उस लड़की ने तैयार होने में घंटों लगाये हैं, तभी वह सुंदर दिख रही है. अगर मैं भी इनकी तरह घर से मल्टीप्लेक्स फिल्म देखने आऊंगी, तो तैयार हो कर ही आऊंगी. हां, यह बात जरूर है कि उस लड़की को इस तरह की नजरों से नहीं देखना चाहिए था. यह बात हम सब पर लागू होती है, क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि सामने वाला किन परिस्थितियों से हो कर गुजरा है और आज, अभी उसकी ऐसी हालत क्यों है.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

बात पते की..

कई बार लोग हमें ऐसे देखते हैं कि हमारा आत्मविश्वास डगमगा जाये. ऐसी स्थिति में खुद को समझायें और अपने गुणों को याद करें.

किसी भी इंसान को तुच्छ नजरों से न देखें. आज सामने वाला अजीब परिस्थितियों में आपके सामने है, कल आप भी उसकी जगह हो सकते हैं.

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