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दूसरों के बच्‍चों को ताना मारना बंद करें

दक्षा वैदकर दीपक हिस्ट्री का स्टूडेंट है और वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. उसका सपना है कि मम्मी-पापा का नाम रोशन करूं, जिसके लिए वह खूब मेहनत भी कर रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह डिप्रेशन में है. इसकी वजह प्यार-व्यार का चक्कर नहीं, बल्कि एक अंकल हैं. वे उसके […]

दक्षा वैदकर
दीपक हिस्ट्री का स्टूडेंट है और वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. उसका सपना है कि मम्मी-पापा का नाम रोशन करूं, जिसके लिए वह खूब मेहनत भी कर रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह डिप्रेशन में है. इसकी वजह प्यार-व्यार का चक्कर नहीं, बल्कि एक अंकल हैं.
वे उसके पापा के बचपन के दोस्त हैं. पिछले दिनों वे घर पर आये और उन्होंने दीपक से पूछा कि इन दिनों क्या कर रहे हो? दीपक ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं. बस, अंकल ने जनरल नॉलेज के प्रश्न पूछना शुरू कर दिया. 10 में से 4 के जवाब उसने बिल्कुल सही दिये. पांचवें में थोड़ा क्लू देना पड़ा. अन्य पांच सवालों के जवाब वह नहीं दे पाया. अंकल ने कहा, तुम तो पढ़ने में बिल्कुल भी तेज नहीं हो. क्या यही पढ़ाई कर रहे हो?
तुम्हें तो कुछ भी नहीं आता. ऐसे होती है क्या परीक्षा की तैयारी. तुम तो मां-बाप को उल्लू बना रहे हो. उनके रुपये बरबाद कर रहे हो. तुम्हें पता है कि एक बार में पास नहीं भी हुए, तो दूसरा मौका मिलेगा ही. समय गुजारते जाओ एक साल, दो साल, तीन साल. हिस्ट्री जैसा फालतू सब्जेक्ट क्यों लिया. मेरे बेटे को देखो. उसने साइंस मैथ्स लिया था. अब आइआइटी की तैयारी कर रहा है. ये कॉमर्स, आर्ट्स जैसे सब्जेक्ट केवल सपना देखनेवाले लोगों को सब्जेक्ट हैं. इससे कुछ नहीं बनते.. अंकल की ये बातें लगातार दीपक के दिमाग में घुम रही हैं. वह तनाव में है.
आपके आसपास भी ऐसे लोग जरूर होंगे, जो कभी-कभी ताना मारने आ जाया करते हैं. ऐसे लोग केवल अपने बच्‍चों से प्रेम करते हैं. दूसरों के बच्‍चों को वे हतोत्साहित कर खुश हो जाते हैं. दरअसल वे उन बच्‍चों को अपमानित कर उनके पैरेंट्स को ताना मारना चाहते हैं कि देखो, हमारा बेटा कितना अच्छा पढ़ता है. हमने उसकी परवरिश कितनी अच्छी की है. आपने अपने बच्‍चों की परवरिश ठीक नहीं की. वे यह नहीं सोचते कि किसी दूसरे के बच्‍चों को इस तरह अपमानित कर वे उसके दिमाग पर क्या असर डाल रहे हैं. हो सकता है कि सामनेवाले का बच्‍चा डिप्रेशन में जा कर कोई गलत उठा ले.
बात पते की..
अगर आप सचमुच उस बच्चे का भला चाहते हैं, तो ताना मारने की बजाय उसकी मदद करें. उस समझाएं कि अभी और ज्यादा पढ़ना होगा.
आज आपका बच्‍चा आगे है, तो आप ताना मार रहे हैं. हो सकता है कल सामने वाले का बच्‍चा आगे हो जाये और वो ताना मारें. यह सब बंद करें.

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